Israel On Syriya: सीरिया में असद की सत्‍ता के बाद देश में भूचाल मचा हुआ है. असद की सत्ता जाते ही इजरायल और अमेरिका दोनों ने सीरिया पर हमला किया था. अब इजरायल के सैन्य प्रमुख हरजी हलेवी ने कहा है कि उनका देश सीरिया में हस्तक्षेप नहीं करेगा. लेकिन, उनका ध्यान इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में 'आतंकवादी तत्वों' को अपनी जड़ें जमाने से रोकने पर रहेगा. वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ स्थिति का आकलन करने के लिए गोलान हाइट्स का दौरा करने वाली हलेवी को शनिवार को एक वीडियो में कमांडरों से बात करते हुए देखा गया. उन्होंने कहा कि इजरायल पिछले लगभग एक हफ्ते से गोलान हाइट्स और माउंट हर्मन में "सीमा की रक्षा" के लिए मौजूद है.


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सीरिया में नहीं देंगे दखल, लेकिन...
उन्होंने कहा, "यहां एक शत्रुतापूर्ण देश था जिसकी सेना हार चुकी है. खतरा है कि आतंकवादी तत्व यहां आ सकते हैं, और हम उन्हें यहां बसने से रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं." हलेवी ने दोहराया कि इजरायल "सीरिया में जो हो रहा है उसमें दखल नहीं दे रहा है" और उसका "सीरिया को नियंत्रित करने का कोई इरादा नहीं है."


इजरायल की मंशा एक दम साफ
यह टिप्पणी बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद इजरायल-सीरिया के रिश्तों को लेकर हयात तहरीर अल-शाम समूह के नेता अहमद अल-शरा के बयान के बाद की गई. अल-शरा ने कहा कि उनका "इजरायल के साथ संघर्ष में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है." उन्होंने आगे कहा कि इजरायल के पास सीरिया में अपने हमले और दखल देने का "अब कोई कारण नहीं है." यह टिप्पणियां इजरायल द्वारा संयुक्त राष्ट्र-निगरानी वाले बफर ज़ोन पर कब्जा करने के बाद आई हैं. ये 1974 से ही सैन्य रहित क्षेत्र के रूप में चिन्हित है.


इजरायल कैसे सीरिया के सिर पर बैठा?
इजरायली सेना ने सीरियाई सेना की एक चौकी पर कब्जा कर लिया है और माउंट हर्मन के शिखर पर सैनिकों को तैनात कर दिया है, जो क्षेत्र का सबसे ऊंचा स्थान है. इजरायली अधिकारियों के मुताबिक, इजरायली हवाई हमले सीरिया भर में सेना की संपत्तियों को निशाना बना रहे हैं. इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों की क्षेत्रीय देशों ने आलोचना की है और सीरिया की संप्रभुता का सम्मान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की है.  इजरायल ने कहा है कि उसका सीरिया में कदम बफर ज़ोन तक ही सीमित है और यह कोई स्थायी कब्जा नहीं है, लेकिन इजरायली मीडिया ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि सेना लंबे समय तक बफर ज़ोन में रह सकती है. 1967 के मध्य पूर्व युद्ध के बाद इजरायल पहले ही गोलान हाइट्स पर कब्जा कर चुका है, जिसे अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सीरिया का इलाका मानता है और इजरायल द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया क्षेत्र मानता है.  इनपुट आईएएनएस से