UN News: भारत गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के उस प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा,  जिसमें 16 सितंबर से शुरू हुए ईरान में प्रदर्शनकारियों पर किए गए मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग मिशन स्थापित करने की बात कही गई थी.


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ट्विटर पर, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने कहा, ‘अपने 35 वें विशेष सत्र में, यूएन मानवाधिकार परिषद ने इस्लामिक गणराज्य ईरान में 16 सितंबर 2022 को शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों से संबंधित कथित मानवाधिकार उल्लंघन की जांच के लिए एक नया फैक्ट फाइंडिंग मिशन मिशन बनाने का फैसला किया.’


ये देश भी रहे प्रस्ताव से दूर
भारत के अलावा मलेशिया, इंडोनेशिया, यूएई और खाखास्तान भी इस प्रस्ताव से अलग रहे. इस बीच, पाकिस्तान और चीन ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया.


यूएनएचआरसी में पास हुआ प्रस्ताव
हालांकि, यूएनएचआरसी में 25 मतों के पक्ष में होने की वजह से यह प्रस्ताव पास हो गया. छह ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया जबकि 16 ने भाग नहीं लिया.


महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन
बता दें 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए हुए, महसा अमिनी को पुलिस ने 'अनुचित' हेडस्कार्फ़ पहनने के लिए हिरासत में ले लिया था.


अब तक 300 प्रदर्शनकारियों की मौत
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की नवीनतम जानकारी के अनुसार, ईरान में कम से कम 40 बच्चों सहित विरोध प्रदर्शनों में शामिल 300 से अधिक लोग मारे गए हैं.


(इनपुट- ANI)


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