India-Canada Tensions: भारत के खिलाफ जहर उगलने से बाज नहीं आ रहे ट्रुडो, अब UAE के राष्ट्रपति से कही ये बात
Justin Trudeau News: इससे पहले कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान भी भारत-कनाडा विवाद का मुद्दा उठा था.
World News in Hindi: भारत के बिना सबूत झूठे आरोप लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्होंने एक बार भारत-कनाडा विवाद का मुद्दा उठाया है. दरअसल रविवार रात ट्रुडो ने ट्वीट कर जानकारी दी उन्होंने संयुक्त अरब अमीरत के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ फोन पर बात की है और इस दौरान भारत-कनाडा विवाद पर भी चर्चा हुई.
दोनों नेताओं के बीच इजराइल के मौजूदा हालात पर भी बातचीत की. ट्रुडो ने एक्स पर लिखा, 'आज फोन पर महामहिम मोहम्मद बिन जायद और मैंने इजराइल की मौजूदा स्थिति के बारे में बात की. हमने गहरी चिंता व्यक्त की और नागरिक जीवन की रक्षा पर चिंता व्यक्त की.' कनाडाई पीएम ने आगे लिखा, 'हमने भारत और कानून के शासन को बनाए रखने और उसका सम्मान करने के महत्व के बारे में भी बात की.'
इससे पहले ट्रुडो और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान भी भारत-कनाडा विवाद का मुद्दा उठा था. डाउनिंग स्ट्रीट (यूके प्रधानमंत्री आवास सह कार्यालय) ने एक बयान में कहा कि सुनक ने शुक्रवार (6 सितंबर) शाम की ट्रूडो से बात की और इस दौरान उन्हें भारत में कनाडाई राजनयिकों से संबंधित स्थिति के बारे में जानकारी दी गई और दोनों नेता संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए.
बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री (सुनक) ने ब्रिटेन के उस रुख को दोहराया कि सभी देशों को राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के सिद्धांतों सहित संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने हालात बेहतर होने की उम्मीद जताई।’इस बीच कनाडा की राजधानी ओटावा से प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि ट्रूडो ने कनाडा और भारत के बीच मौजूदा स्थिति पर अद्यतन जानकारी प्रदान की.
भारत-कनाडा रिश्ते बेहद तनावपूर्ण
बता दें कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पिछले महीने संसद में खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया हालांकि उन्होंने कोई सबूत पेश नहीं किया. इसके बाद से ही भारत और कनाडा के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर चले गए हैं.
भारत ने आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ कहकर खारिज कर दिया और इस मामले के लेकर ओटावा के एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को अपने यहां से निष्कासित कर दिया था.