नई दिल्ली: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की दावेदारी लगातार मजबूत होती जा रही है।रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वो इस मसले को लेकर सकारात्मक हैं और सियोल में होने वाली बैठक में ये मुद्दा उठाएंगे।अमेरिका, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन के बाद रूस ने भी भारत को समर्थन का भरोसा दिया है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वो इस मसले को सियोल में होने वाली बैठक में उठाएंगे।


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परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का समर्थन करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वो इस मसले को सियोल में होने वाली बैठक में उठाएंगे। वे चीन से बात करेंगे कि वो आखिर किस आधार पर भारत की सदस्यता का विरोध कर रहा है।


हालांकि पुतिन ने कहा कि नियमों के मुताबिक ही आखिरी फैसला लिया जाएगा। रूसी राष्ट्रपति ने भारत को समर्थन का संकेत देते हुए कहा कि वो भारत को परमाणु संबंधी मसलों पर सहयोग के लिए तैयार है, लेकिन उसे अंतरराष्ट्रीय कानून के दायरे में रहकर ही अमलीजामा पहनाया जा सकेगा।


भारत-अमरीका के बीच बढ़ती दोस्ती पर पुतिन ने कहा कि इससे भारत और रूस के रिश्ते पर कोई असर नहीं पडऩे वाला है। दोनों के रिश्ते बहुत पुराने हैं।उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी आबादी वाले भारत में आर्थिक समस्‍याएं हैं और ऊर्जा से जुड़ी कई चुनौतियां हैं। इसलिए, भारत को दूसरे देशों की जमात में नहीं रखा जा सकता है। हमें भारत के हितों को सुनिश्चित करने और उनको समर्थन देने के सभी मौकों को देखना चाहिए।


गौरतलब है कि ब्रिटेन ने भी भारत के समर्थन की बात कही है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत के प्रयास को ब्रिटेन का मजबूत समर्थन देने का आश्वासन दिया है।