India Maldives relations: भारत ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू (Mohamed Muizzu) के भारत विरोधी रुख के बावजूद अपने समुद्री पड़ोसी मालदीव को जरूरी चीजों की सप्लाई भेजने का फैसला लिया है. भारत जिन चीजों को मालदीव भेजेगा, उनमें आटा, चावल, चीनी, आलू-प्याज और अंडे शामिल हैं. मालदीव की जनता का पेट भरने के अलावा भारत रेत-बजरी और पत्थर भी भेजेगा जिससे वहां के रियल स्टेट सेक्टर को भी राहत मिलेगी. भारत ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष के दौरान मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी और दाल जैसी कुछ वस्तुओं की निर्दिष्ट मात्रा के एक्सपोर्ट पर लगा बैन हटा दिया था. 


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मालदीव ने जताया आभार


भारत के मालदीव को आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की अनुमति देने पर मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने शनिवार को आभार जताया. उन्होंने कहा कि यह फैसला दीर्घकालिक द्विपक्षीय मित्रता और व्यापार एवं वाणिज्य को बढ़ाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. इंडियन हाईकमीशन ने इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया पर देते हुए कहा था कि मालदीव सरकार के आग्रह पर भारत ने साल 2024-25 के लिए जरूरी वस्तुओं की निर्दिष्ट मात्रा में निर्यात की अनुमति दी है.


42 साल का रिकॉर्ड टूटेगा


भारतीय दूतावास ने एक अधिसूचना में कहा कि साल 1981 में इस व्यवस्था के लागू होने के बाद से निर्यात के लिए स्वीकृत मात्रा सबसे अधिक हैं. जमीर ने इस कदम के लिए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर भारत को धन्यवाद किया. मालदीव के विदेश मंत्री ने लिखा, 'मैं वर्ष 2024 और 2025 के दौरान मालदीव को भारत से आवश्यक वस्तुओं का आयात करने में सक्षम बनाने के लिए कोटा के नवीनीकरण के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत सरकार को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं.'


उन्होंने ये भी कहा कि यह फैसला वास्तव में एक संकेत है, जो दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता और द्विपक्षीय व्यापार एवं वाणिज्य को और अधिक बढ़ाने की मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जमीर की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत अपने पड़ोसियों को सर्वाधिक महत्व देने लिए प्रतिबद्ध है.


भारत का विरोधी क्यों बना मालदीव?


गौरतलब है कि मालदीव में जब से मोहम्मद मोइज्जू की सरकार आई है, तब से ही वो भारत विरोधी रवैया अपनाए हुए हैं. मालदीव ने अपनी धरती पर तैनात भारतीय सैनिकों को हटाने का आदेश दिया जिसके बाद विवाद ने तूल पकड़ा. मोइज्जू चीन के करीबी है. बीजिंग की शय पर उन्होंने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान ही ‘India Out’ का नारा दिया था. उनका ये रुख दर्शाता था कि मोइज्जू किस हद तक भारत की खिलाफत करने पर आमादा थे. जबकि मालदीव का विपक्षी मोइज्जू को नसीहत देते हुए उन्हें बार-बार चीन के पास जाने से आगाह कर रहा है.