Amarnath Ghosh shot dead: अमेरिका में एक और भारतीय की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस बार बदमाशों ने मशहूर भरतनाट्यम डांसर अमरनाथ घोष का कत्ल कर दिया. घोष अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे, उनकी मां की तीन साल पहले मृत्यु हो गई थी. वहीं उनके पिता की बचपन में ही मौत हो गई थी. हेट क्राइम का ये मामला मिसौरी के सेंट लुइस में सामने आया. अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके वारदात को अंजाम दिया. इस हमले के बाद से एशियाई मूल के लोगों में दहशत हैं. घोष की मौत की दुखद सूचना उनकी दोस्त और मशहूर टीवी अदाकार देवोलीना भट्टाचार्जी ने दी. 'साथ निभाना साथिया' में गोपी बहू की किरदार के लिए मशहूर देवोलीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.


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भारत सरकार से मदद की गुहार


एक्स पर एक पोस्ट में घोष की दोस्त और भारतीय टेलीविजन अभिनेता देवोलीना भट्टाचार्जी ने लिखा कि अमरनाथ घोष को पिछले मंगलवार की शाम को मौत के घाट उतार दिया गया. उन्होने ये भी कहा, 'ऐसा लगता है कि मामले को दबाने की कोशिश हो रही है. हत्याकांड की वजह का अबतक खुलासा नहीं हो सका है. आरोपियों की पहचान तक नहीं हुई है. शायद पुलिस इस केस पर इसलिए ध्यान नहीं दे रही है क्योंकि मौत का इंसाफ मांगने वाला उसका कोई अपना यहां मौजूद नहीं है.' ऐसे में उसने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से इस मामले को उठाने की गुहार लगाई है. 


कौन है घोष?


अमेरिका में नफरत की गोली का शिकार हुए अमरनाथ घोष कोलकाता के रहने वाले थे. वो चेन्नई में आर्ट टीचर थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई और परवरिश कोलकाता में हुई थी. वो एक पॉपुलर भरतनाट्यम डांसर थे. वो पीएचडी कर चुके थे. घोष कला क्षेत्र कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स और कुचुपुड़ी आर्ट अकादमी चेन्नई के पूर्व छात्र थे. वो सेंट लुइस में वाशिंगटन विश्वविद्यालय में मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स (MFA) की पढ़ाई कर रहे थे.


भट्टाचार्जी ने ये भी कहा कि कुछ दोस्त उनके शव को हासिल करने के लिए कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं, ताकि उनका अंतिम संस्कार किया जा सके. लेकिन इस बारे में भी अभीतक कोई अपडेट नहीं मिला है. इस बीच शिकागो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने घोष के परिजनों और दोस्तों से अपनी संवेदना जताते हुए कहा कि मामले पर नजर बनाए हुए हैं.


गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से अमेरिका में भारतीयों पर लगातार हमले हो रहे हैं. 1 जनवरी से 1 मार्च 2024 तक कई भारतीयों की हत्या हो चुकी है.