वॉशिंगटन: अमेरिकी संसद ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को बेहद मजबूत संगठन, ‘फेडरल कम्यूनिकेशन्स कमीशन’ (एफसीसी) में दूसरी बार अध्यक्ष के तौर पर सेवा देने के लिए भारतीय मूल के अमेरिकी अजीत वर्दराज पई के नामांकन की पुष्टि कर दी. हालांकि डेमोक्रेटिक पार्टी की शिकायत थी कि वह नेट निरपेक्षता को कमजोर कर देंगे. पई के दूसरे पांच-वर्षीय कार्यकाल के नामांकन की पुष्टि के लिए अलग-अलग बंटे दलों के बीच सीनेट में मतदान हुआ. एफसीसी एक स्वतंत्र एजेंसी है जो सभी 50 राज्यों, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया और अमेरिकी क्षेत्रों में रेडियो, टीवी, तार, उपग्रह और केबल द्वारा अंतरप्रदेशीय संचार को नियमित करती है.


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पई के पक्ष में 52 और विपक्ष में 41 वोट पड़े. वह वर्ष 2012 से एफसीसी के कमिश्नर के तौर पर कार्यरत हैं. पई इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी हैं. सीनेट में 44 वर्षीय पई के खिलाफ बोलते हुए, माइनॉरिटी नेता चक शूमर ने आरोप लगाया कि एफसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष रहने के दौरान पई ने उभोक्ताओं, अन्वेषकों और छोटे कारोबारों के खर्च पर बड़े संस्थानों को स्पष्ट तौर पर फायदा पहुंचाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पई ने एफसीसी के 2016 के ब्रॉडबैंड निजता नियम को पलटने के कांग्रेसी प्रयासों को समर्थन दिया था जो इंटरनेट और केबल की बड़ी कंपनियों को निजी इंटरनेट डाटा से फायदा लेने से रोकने में कारगर था.


हालांकि पई ने अपने कार्यों का बचाव किया. उन्होंने कहा, “जनवरी से अबतक आयोग डिजिटल विभाजन को कम करने, अन्वेषण को बढ़ावा देने, उपभोक्ता और जन सुरक्षा का बचाव करने और एफसीसी को ज्यादा पारदर्शी बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.” कई सांसदों ने उनकी इस बात पर सहमति जताई.


पई के बचाव में, रिपब्लिकन पार्टी के सेन रोजर विकर ने कहा कि वह, “नियामक संरचना को लचीला बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं जो इंटरनेट को आधुनिक समय का आश्चर्य बनाने में मदद करेंगे जिससे उपभोक्ताओं, अन्वेषकों और प्रदाताओं को मुक्त और मुफ्त इंटरनेट मुहैया हो. इंटरनेट तकनीक उन्नति करती रहेगी अगर हम इसके नियंत्रण को सरकार के सख्त हाथों से दूर रखें.” 


सीनेट के मेजॉरिटी नेता मिच मैककोनेल ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि पई हर तरह से संचार नीतियों को समझते हैं. वह ग्रामीण समुदायों की जरूरत को शामिल करते हैं. हालांकि सीनेटर ब्लूमेंथल ने आरोप लगाया कि पई लोक हित से उलट काम कर रहे हैं. उन्होंने नेट निरपेक्षता पर हमला बोला है और वह बड़ी कठोरता से मुक्त इंटरनेट व्यवस्था को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं.