ICJ Order on Israel-Hamas War: इजरायल- हमास के बीच पिछले 4 महीने से चल रही जंग के बीच इस युद्ध पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) का बड़ा फैसला सामने आया है. नीदरलैंड की राजधानी हेग में स्थित ICJ ने गाजा में तुरंत संघर्ष विराम का आदेश देने से इनकार कर दिया है. हालांकि  इजरायल से जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए प्रयास करने को कहा. कोर्ट ने यह फैसला शुक्रवार को सुनाया. 


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कोर्ट में चलता रहेगा मामला


ICJ के 17 न्यायाधीशों की पीठ ने शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए मामले को खारिज नहीं करने का निर्णय लिया. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट की अध्यक्ष जोन ई. डोनॉग्यू ने कहा, ‘कोर्ट इस क्षेत्र में सामने आ रही मानवीय त्रासदी से भली-भांति अवगत है और लगातार हो रही जानमाल की हानि को लेकर चिंतित है.’ शीर्ष अदालत ने कहा कि वह उस मामले को खारिज नहीं करेगी, जिसमें इजराइल पर गाजा में नरसंहार का आरोप लगाया गया है.


दक्षिण अफ्रीका ने दायर की थी याचिका


इजरायल के खिलाफ कोर्ट में यह मामला दाखिल करने वाले दक्षिण अफ्रीका ने अदालत से इजराइल को अपना सैन्य अभियान रोकने का आदेश देने का आग्रह किया था. अदालत से यह भी अनुरोध किया गया कि अदालत इजराइल को गाजा में अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकने का आदेश दे. जबकि इजरायल सरकार ने उम्मीद जताई थी कि अदालत फर्जी आरोपों को खारिज कर देगी. 


दोनों के लिए विन-विन सिचुएशन


ऐसे में कोर्ट की ओर से शुक्रवार को सुनाया गया फैसला दोनों पक्षों के लिए विन-विन सिचुएशन हो सकता है. लीगल एक्सपर्टों के मुताबिक शुक्रवार का निर्णय हालांकि केवल अंतरिम आदेश है जबकि दक्षिण अफ़्रीका द्वारा लाए गए पूरे मामले पर विचार करने में वर्षों लग सकते हैं. ऐसे में यह मामला ICJ में आगे भी लगातार चलता रहेगा, हालांकि इजरायल को तुरंत युद्ध विराम का आदेश न देने से उसे भी राहत मिली है. 


हमास पर टूट रहा इजरायल का कहर


बताते चलें कि हमास के सशस्त्र आतंकियों ने पूरी योजना के साथ 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल के तटीय इलाकों पर हमला कर 14 सौ लोगों को मार दिया था. जबकि करीब ढाई सौ लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए, जिन्हें सुरंगों में रखा गया है. इसके बाद से गाजा पर इजरायल का कहर टूट रहा है. इजरायल के हमलों में अब तक गाजा के 26 हजार लोग मारे जा चुके हैं. यह संख्या हमास के नेतृत्व वाले गाजा के स्वास्थ्य विभाग ने जारी की है. हालांकि उसने यह नहीं बताया है कि इन मृतकों में आतंकी और सिविलियन की संख्या कितनी है. 


(एजेंसी भाषा)