Iran hijab protest girl: इन दिनों में ईरान में हिजाब प्रोटेस्‍ट चल रहा है. वहां पर कुछ महिलाएं हिजाब न पहनने की मांग कर रही हैं. इसी संबंध में 22 साल की महसा अमीनी की मौत भी हो चुकी है. उसके बाद से ही इस प्रोटेस्‍ट में ज्‍यादा इजाफा हो गया था. वहां पर आज भी कई मौलवी का कहना है कि हिजाब कानून रहना चाहिए. इस मामले में इमाम और मौलवियों ने हदें पार कर दी हैं. एक मौलवी तो यह कह चुका है कि अगर इन्‍होंने अभी हिजाब नहीं पहना तो गर्मी में ये कपड़े उतार देंगी. वहीं एक इमाम कहता है कि इनकी वजह से बारिश नहीं हुई.   


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ये कैसे बयान दे दिया 



मौलवी ने ऐसा बयान दे दिया है. वह ईरान ही नहीं पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुका है. उनका कहना है कि लोगों को गलत तरीके से हिजाब पहनने वाली महिलाओं को अलर्ट करना चाहिए और उनके खिलाफ चुपचाप नहीं बैठना चाहिए. नहीं तो, वे महिलाएं और लड़कियां गर्मियों में बिना कपड़ों के सड़कों पर आ जाएंगी. आपको बता दें कि ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद से ही विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ लड़कियों को गलत तरीके से हिजाब पहनने पर गिरफ्तार कर लिया गया था. अमीनी के समर्थन में आकर कई महिलाओं ने भी हिजाब पहनना बंद कर दिया था और वे रूढ़िवादी नियमों के खिलाफ खुलकर विरोध कर रही हैं और उन नियमों को तोड़ भी रही हैं. 


हिजाब नहीं पहना इसलिए बारिश नहीं हुई? 


आपने जो पढ़ा सही पढ़ा. हम आपको एक बार और बता रहे हैं कि महिलाओं ने हिजाब नहीं पहना इसलिए बारिश नहीं हुई. ये बात हम नहीं कह रहे हैं. पिछली महीने ईरान के एक इमाम ने यह बात कही थी. उन्‍होंने ईरान में कम बारिश होने के वजह हिजाब को बताया था. उन्‍होंने महिलाओं को दोषी ठहराते हुए कहा था कि इनकी वजह से ईरान में जल संकट आ गया है. इसके अलावा ईरान के सुप्रीम लीडर के करीबी मोहम्मद-मेहदी हुसैनी हमदानी ने भी कुछ ऐसा  ही बयान दिया था. उन्‍होंने कहा था कि हिजाब के नियमों को तोड़कर महिलाओं ने देश भर में बारिश की कमी पैदा कर दी है. इमाम का कहना है कि जो महिलाएं हिजाब नहीं पहनती हैं, उन्हें सजा होनी चाहिए. 


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