Iran Hijab Protest News: ईरान में हिजाब के कड़े कानून के खिलाफ लंबे समय से प्रदर्शन हो रहा है लेकिन 22 साल की माहाशा अमीनी की मौत के बाद यह अंदोलन देखते ही देखते हिंसक हो गया. इस प्रदर्शन में अब तक कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं. हिजाब के खिलाफ चल रहे इस प्रदर्शन का धुंआ अब बाकी देशों से भी उठता हुआ दिखाई दे रहा है. इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि सालों पुराने हिजाब कानून का ईरान सरकार फिर से रिव्यू कर सकती है. आपको बता दें कि इस कानून के तहत ईरान में महिलाओं के लिए सख्त ड्रेस कोड की व्यवस्था की गई है. ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्‍मद जफर मोताजेरी ने कहा है कि संसद और न्‍यायपालिका इन कानूनों के रिव्यू को लेकर विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब तब इस बात की कोई साफ जानकारी नहीं है कि इस कड़े कानून में किस तरह के परिवर्तन किए जाएंगे.


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दूसरे देशों में भी हो रहा है विरोध


ईरान से उठने वाली इस आग का धुंआ अब धीरे-धीरे दूसरे देशों से भी उठता हुआ दिखाई दे रहा है. कई देशों में हिजाब की अनिवार्यता को खत्म करने को लेकर आवाज उठाई जा रही है. बता दें कि ईरान में हिजाब कानून के तहत महिलाओं को किसी भी सार्वजनिक स्थल पर अपने बालों को ढ़कना जरूरी है. कई जगहों पर बिना हिजाब महिलाओं की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगी हुई है. पिछले साल रईसी के सत्‍ता में आने के बाद इन नियमों में को और कड़ा कर दिया गया. इस दौरान किसी भी महिला को जो गलत तरीके से हिजाब पहनती है, उसे किसी सरकारी दफ्तर, बैंक, या किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में एंट्री नहीं दी जाएगी.


कैसे उग्र हुआ प्रदर्शन


ईरान में 22 साल की महसा अमीनी को ठीक से हिजाब न पहनने की वजह से पुलिस ने हिरासत में लिया. खबरें थीं कि अमीनी को पुलिस हिरासत में टार्चर भी किया गया था जहां तीन दिन के बाद उसकी मौत हो गई. इसके बाद ईरान में हिजाब के खिलाफ बढ़ते प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. जबकि वहां की पुलिस ने यह दावा किया था कि महसा अमीनी की मौत हार्ट अटैक से हुई थी.



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