UN On Israel Iran: इजरायल (Israel) से अमेरिका समेत कई देशों ने शांति बनाए रखने के लिए कहा है, लेकिन इजरायल तो किसी का कहना ही नहीं मानता. ईरान के हमले का जवाब देने के लिए इजरायल ने जो प्लान बनाया है, उससे अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल गॉसी परेशान हो उठे हैं. 

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इजरायल का खतरनाक प्लान
ईरान खुद को ताकतवर बनाने में हमेशा से लगा हुआ है. ईरान पर यह भी आरोप लगता है कि वह चोरी-छिपे परमाणु बम बना रहा है. इसके बाद कयास यह लगाया जा रहा है ईरान जिसके दम पर खुद को ताकतवर समझ रहा है, उसी पर ईजरायल हमला करेगा. 


चिंता में  IAEA
संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी प्रमुख (United Nations nuclear watchdog chief) ने सोमवार को बताया कि वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इजरायल संभवतः ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है. गॉसी का बयान इजरायली सेना प्रमुख के बयान के बाद आया है, जब इजरायली सेना प्रमुख ने सोमवार को कहा कि ईरान की तरफ से दागे गए ड्रोन और मिसाइलों का जवाब उनका देश जरूर देगा.  इजरायल पहले दिन से कह रहा कि ईरान की तरफ से करीबन 300 अलग-अलग प्रकार के मिसाइल दागे गए, जिसमें बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें भी शामिल थीं.


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खौफ में ईरान 
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल गॉसी ने बताया कि ईरान ने सुरक्षा कारणों से अपनी परमाणु ठिकानों बंद कर दिया था.  हालांकि, सोमवार को फिर से इसे खोला गया. जिसके बाद अंदेशा है कि इसी पर इजरायल हमला करेगा.
आईएईए के महानिदेशक का कहना है परमाणु  निरीक्षकों को तब तक दूर रखा गया है, जब तक की हम देख नहीं लेते कि स्थिति पूरी तरह से शांत है. 


परमाणु ठिकानों पर हमला?
जब ग्रॉसी से ईरानी परमाणु ठिकानों पर इज़रायल के हमले की संभावना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा: "हम हमेशा इस संभावना के बारे में चिंतित रहते हैं." उन्होंने ईजरायल से बहुत शांत रहने की अपील की.


ईरान बना रहा परमाणु बम
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, लेकिन पश्चिमी शक्तियां तेहरान पर परमाणु बम बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाती हैं. ईरान पर आरोप लगता आया है कि उसका परमाणु परिणाम पारदर्शी नहीं है. हाल ही में एक रिपोर्ट में UN के न्यूक्लियर वॉचडॉग ने खुलासा किया कि ईरान ने 2015 के समझौते की तय सीमा से 27 गुना ज्यादा यूरेनियम रिजर्व को बढ़ाया है. 


ईरान का टूट जाएगा सपना?
2015 में ईरान और इंटरनेशनल ऑटोमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के बीच ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को सीमित करने के बदले अंतराष्ट्रीय प्रतिबंधों में रियायत देने का समझोता हुआ था. लेकिन 8 सालों से ही दोनों की ओर से एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए गए हैं. हाल ही में IAEA ने दावा किया कि ईरान ने अपने यूरेनियम रिजर्व को तेजी से बढ़ाया है. अगर ‌इन्हीं ठिकानों पर इजरायल ने हमला कर दिया तो ईरान का ताकतवर बनने का सपना टूट जाएगा. उसे इस बात का बहुत भ्रम है कि परमाणु बम बना लेने से पूरी दुनिया में उसकी गिनती ताकतवर देशों में होगी. लेकिन कई देश ईरान के परमाणु योजना का विरोध कर रहे हैं.

क्या है IAEA, कैसे काम करता है?
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए दुनियाभर के देशों में काम करता है. ये संस्था परमाणु ऊर्जा बनाने वाले देशों पर नजर रखती है. कहीं परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल खतरनाक हथियार बनाने के लिए तो नहीं हो रहा है. IAEA ट्रीटी के करीब 178 देश हिस्सा हैं. ईरान पर आरोप लगता आया है कि वे परमाणु बम निर्माण के लिए अपने यूरेनियम प्रोग्राम का इस्तेमाल कर रहा है. ‌

ईरान- इजरायल में क्यों जंग के हालात?
एक अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में दूतावास परिसर पर एक हवाई हमला हुआ. इस हमले में एक शीर्ष ईरानी जनरल और छह अन्य ईरानी सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी. जिसके बाद ईरान इस हमले का विरोध जताने लगा. बात यहां तक पहुंची कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कसम खा लिया कि इस हमले को इजरायल ने किया है. और हम इस हमले का जवाब देंगे. खामेनेई का कहना था कि इजराइल को दंडित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह हमला सीरिया पर नहीं ईरानी धरती पर हमले के समान है. ईरान ने अपनी कसम पूरी करते हुए शानिवार को  इजरायल पर अपने पहले सीधे हमले में विस्फोटक ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च की. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है.