कैलागन: नमक कम करने की सलाह ज्यादातर लोगों ने सुनी होगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादा सोडियम का सेवन हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ा होता है, जो हृदय रोग, दिल के दौरे की वजह बन सकता है. लेकिन हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स हैरान करने वाली आईं. इन रिपोर्ट्स में मुताबिक डेयरी, नमक और मांस संभवत: आपके लिए अच्छा है. वैज्ञानिकों ने इस बात की सच्चाई पता लगाने के लिए रिसर्च की कि सोडियम का सेवन काफी कम करने की सलाह सही है या नहीं?


कब बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू कैसल के क्लेयर कॉलिन्स के मुताबिक हाल की रिपोर्ट्स में कहा गया, सोडियम की खपत को प्रति दिन 2.3 ग्राम तक सीमित करने की सलाह ज्यादातर लोगों के लिए लंबे समय तक माननी मुश्किल है. इससे यह दावा कि बेहद कम नमक के सेवन से दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है, यह बात सही साबित नहीं होती. नई स्टडी के लेखकों का सुझाव है कि वर्तमान वैश्विक सोडियम सेवन प्रति दिन 3-5 ग्राम तक होता है, जब सोडियम की मात्रा इससे अधिक या ज्यादा कम होती है तो दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है. 


दुनिया में प्रति व्यक्ति नमक का सेवन कितना?


लेकिन इन दावों को लेकर कई विवाद हैं और नमक की खपत को सीमित करने की मौजूदा सलाह जस की तस है. हम में से अधिकतर लोग नमक का सेवन कम कर सकते हैं. एक चम्मच नमक लगभग 5 ग्राम होता है और इसमें 2 ग्राम सोडियम होता है. ऑस्ट्रेलियाई प्रतिदिन लगभग 3.6 ग्राम सोडियम का सेवन करते हैं, जो 9.2 ग्राम (लगभग 2 चम्मच) टेबल सॉल्ट के बराबर है. यह प्रति दिन 2 ग्राम सोडियम (5 ग्राम नमक) के सुझाए गए लक्ष्य और एक दिन में 460-920 मिलीग्राम (1.3-2.6 ग्राम नमक) की पर्याप्त मात्रा से ज्यादा है, यहां यह भी ध्यान दिया जाना जरूरी है कि ऑस्ट्रेलिया में सोडियम का सेवन बाकी दुनिया के समान ही है.


क्या बहुत कम नमक खाना जोखिम भरा है?


फ्लूड की मात्रा और सेल स्टेबिलिटी जैसी जरूरी शारीरिक प्रक्रियाओं को बनाए रखने के लिए मनुष्य को सोडियम की आवश्यकता होती है. सोडियम का स्तर यह सुनिश्चित करने के लिए हार्मोन, रासायनिक प्रक्रियाओं और तंत्रिकाओं की एक संवेदनशील प्रणाली से संतुलित होते हैं कि आवश्यकता से अधिक सोडियम यूरिन में निकल जाए. बहुत कम सोडियम के सेवन से हार्ट हेल्थ के बारे में परस्पर विरोधी साक्ष्य मौजूद हैं. कुछ रिसर्चर का सुझाव है कि एक जे-आकार का संबंध है, जहां कम और बहुत ज्यादा नमक खाने यानी दोनों  ही परिस्थिति में जोखिम बढ़ता है. हालांकि, इसे लेकर बहुत सी असमानताएं हैं जिनकी व्याख्या के लिए ज्यादा रिसर्च की जरूरत है लेकिन यह बात सही पाई गई कि ज्यादा नमक के सेवन के बजाय कम नमक खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है.


LIVE TV