Refugee Camp: इजरायल ने हमास के साथ हो रहे संघर्ष में एक बड़ा हवाई हमला किया है. इस हमले का निशाना गाजा में एक शरणार्थी शिविर था, जहां से रिपोर्ट के अनुसार 50 लोगों की मौके पर मौत हो गई है और 150 से अधिक लोगों को चोटें आई हैं. यह आंकड़ा बढ़ सकता है. रॉयटर्स ने गाजा के एक हॉस्पिटल के निदेशक के हवाले से से बताया है कि 50 से अधिक फिलिस्तीनी इस हमले में मारे गए हैं. इस घटना के बारे में अभी इजरायल सरकार ने कुछ भी जवाब नहीं दिया है, लेकिन पहले इजरायल ने बताया था कि उसकी सेना ने गाजा में आतंकवादियों के विशाल सुरंग नेटवर्क के अंदर हमास के बंदूकधारियों से सीधा मुकाबला शुरू कर दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिफ्यूजी कैंप पर भीषण एयर स्ट्राइक
बताया गया है कि यह एयर स्ट्राइक ऐसी जगह हुई जहां एक बड़ा रिफ्यूजी कैंप बना हुआ था. इंटरनेशनल मीडिया में इस कैंप की तबाही की तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें दिख रहा है कि कैसे वह खंडहर में तब्दील हो गया है. इस एयर स्ट्राइक की तबाही ने पिछले दिनों अस्पताल पर हुए हमले की याद दिला दी. वहां भी ऐसे ही चीख मच गई थी. फिलहाल दूसरी तरफ खबर ऐसी हैं कि इजरायली सेना ने बमबारी के साथ-साथ अब जमीनी कार्रवाई शुरू कर दी है. सैनिक गाजा पट्टी के अंदरूनी इलाके में पहुंच गए हैं. हमास के आतंकियों का लगातार इजरायल की फौज खात्मा कर रही है. 


गाजा के अंदरूनी इलाकों तक पहुंच गए सैनिक?
इजरायल का साफ कहना है कि हमास के हमले के दौरान बंधक बनाई गई महिला सैनिक को गाजा में उसके जमीनी अभियान के दौरान रिहा कराया गया है.  इजरायली सेना और उसके बख्तरबंद वाहन सोमवार को उत्तरी गाजा पट्टी के अंदरूनी इलाकों तक पहुंच गए जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र और चिकित्साकर्मियों ने कहा कि अस्पतालों के करीब हवाई हमले किए गए हैं, जहां हजारों घायलों के साथ ही हजारों फलस्तीनी नागरिकों ने शरण ले रखी है. इजरायल ने फिलिस्तीनियों को उत्तर से दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया, लेकिन हज़ारों लोग वहीं रह गए हैं क्योंकि इज़राइल ने तथाकथित सुरक्षित क्षेत्रों पर भी बमबारी की है.


एक रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, हमलों से सुरक्षित रहने की उम्मीद कर रहे लगभग 1,17,000 विस्थापित लोग हजारों मरीजों और कर्मचारियों के साथ उत्तरी गाजा के अस्पतालों में रह रहे हैं. इन सबके बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कहा है कि वह इतिहास से हमास का नामोनिशान मिटा देना चाहते हैं. उन्होंने कहा, यही मेरा लक्ष्य है और यही जिम्मेदारी है. उन्होंने इसे जंग का दूसरा चरण बताया.