Khaled Mashal: इजरायल-हमास युद्ध में चीन और रूस को घसीटना चाहता है खालिद मशाल, आखिर कौन है वो?
Israel Palestine Conflict: केरल के मलप्पुरम में फिलिस्तीन समर्थक रैली में हमास नेता खालिद मशाल की वर्चुअल मौजूदगी से हमास के हमदर्दों के बारे में पता चल रहा है. दूसरी ओर वो इजरायल-हमास की जंग में अब रूस-चीन को घसीटना चाहता है.
Khaled Mashal: इजरायल और हमास के बीच युद्ध (Israel Hamas War) दिन-ब-दिन खतरनाक मोड़ पर पहुंच रहा है. आज इस जंग का 24वां दिन है. हर बीतते दिन के साथ इजरायल प्रचंड प्रहार करते हुए, हमले में इजाफा कर रहा है. जिससे इस लड़ाई के रुकने के संकेत नहीं मिल रहे हैं. इस बीच हमास का एक आका खालिद मशाल, इस विनाशलीला को नेक्स्ट लेवल में ले जाने के लिए अपने जहरबुझे बयानों से न सिर्फ इस्लामिक देशों को भड़का रहा है, वहीं अब एकदम आगे बढ़ाते हुए वो इस वार में रूस और चीन को भी घसीटना चाहता है. आखिर क्यों, आइए जानते हैं.
पहले जानिए कौन है खालिद मशाल?
आपको बताते चलें कि खालिद मशाल हमास पोलित ब्यूरो का संस्थापक सदस्य है. इजरायल के विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खालिद मशाल फिलहाल कतर में है. वो आतंकी संगठन हमास का साल 2017 तक अध्यक्ष रहा. उसकी गिनती हमास के टॉप लीडर्स में होती है. लंबे समय तक हमास की कमान संभालने के साथ उसने कई ऑपरेशंस को अंजाम दिया. मशाल का जन्म वेस्टबैंक में हुआ, वो कुवैत और जॉर्डन में पला बढ़ा. साल 2004 में वो हमास की पॉलिटिकल विंग का नेता बना. वो कभी गाजा में नहीं रहा. वो जॉर्डन, सीरिया, कतर और मिस्र में बिना किसी रोकटोक के घूमता है.
इजरायरल पर हमले के बाद शुरू हुई जंग में मौका देख रहा मशाल?
वो मिडिल ईस्ट की जंग की आग को और भड़का रहा है. वो दुनियाभर में मुस्लिमों को यहूदियों के खिलाफ उतारने के लिए भड़काऊ बयानबाजी कर रहा है. वो कभी गाजा में नहीं रहा लेकिन उसका दिमाग हमेशा गाजा में घुसा रहता था. वो गाजा में ऑपरेशन के लिए रणनीति बनाता था. आज उसके पास पैसे की कमी नहीं है. वो जब जो चाहता है करता है. उसक संपत्ति करीब 4 अरब डॉलर है.
मोहल्ले की लड़ाई हो या जियो पॉलिटिक्स. उसमे एक कॉमन चीज ये होती है कि 'दुश्मन' का 'दुश्मन' दोस्त होता है. इजरायल-हमास जंग के अलावा दुनिया में ऐसे कई मसले हैं, जहां वर्चस्व की लड़ाई में दो बड़े देश आमने-सामने आते हैं. लेकिन वहां युद्ध नहीं छिड़ता बस कूटनीति से ही काम चल पाता है. उदाहरण के लिए यूक्रेन युद्ध हो ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच टेंशन, नॉर्थ कोरिया-साउथ कोरिया का विवाद हो या किसी और देश के समीकरण समझदार देश सोच समझकर फैसला लेते हैं.
कई बार किसी विवाद का निपटारा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय अदातल का रुख किया जाता है. ऐसे उदाहरणों से बेपरवाह हमास का नेता खालिद मशाल अमेरिका के पारंपरिक प्रतिद्वंदियों या फिर यूं कहें धुर विरोधियों रूस और चीन को इस जंग में घसीटकर माहौल को और खराब करने के साथ इजरायल को सबक सिखाना चाहता है.