Israel News:   इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को सेना द्वारा घोषित योजना की आलोचना की, जिसके तहत फिलीस्तीनी क्षेत्र में सहायता पहुंचाने के लिए गाजा की मुख्य सड़कों में से एक पर लड़ाई में प्रतिदिन सामरिक विराम लगाया जाएगा.


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इजरायली सेना की ओर से गाजा में कुछ समय के लिए युद्ध रोकने की योजना की पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने आलोचना की है. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक सेना ने केरेम शालोम क्रॉसिंग से सलाह अल-दीन रोड और फिर उत्तर की ओर के इलाके 0500 GMT से 1600 GMT तक युद्ध रोकने की घोषणा की थी. फिलीस्तीनी क्षेत्र में सहायता पहुंचाने के लिए यह फैसला लिया गया.


एक इजरायली अधिकारी ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री ने 11 घंटे की रोक की रिपोर्ट सुनी, तो उन्होंने अपने सैन्य सचिव से कहा कि यह उनके लिए अस्वीकार्य है.'


हालांकि मिलिट्री ने स्पष्ट किया कि दक्षिणी गाजा में उसके ऑपरेशन के मुख्य केंद्र राफा में सामान्य अभियान जारी रहेगा. बता दें यहां शनिवार को आठ सैनिक मारे गए.


नेतन्याहू की प्रतिक्रिया ने गाजा में मदद पहुंचने के मुद्दे पर राजनीतिक तनाव को एक बार फिर उजागर किया है. अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने गाजा में बढ़ते मानवीय संकट की चेतावनी दी है.


'जिसने भी ये किया वो मुर्ख है'
नेतन्याहू के सत्तारूढ़ गठबंधन में राष्ट्रवादी धार्मिक दलों में से एक का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने सेना के फैसले की निंदा की. उन्होंने जिसने भी यह फैसला किया है वह 'मूर्ख' है जिसे अपनी नौकरी से हाथ धोना चाहिए.


गठबंधन और सेना के बीच मतभेद
नया घटनक्रम 9 महीने से जारी युद्ध के संचालन को लेकर गठबंधन के सदस्यों और सेना के बीच जारी श्रृंखला में विवादों में नवीनतम है.


यह विवाद मध्यमार्गी पूर्व जनरल और युद्ध कैबिनेट में मंत्री बेनी गैंट्ज़ द्वारा सरकार छोड़ने के एक सप्ताह बाद सामने आया है. गैंट्च इस्तीफे की घोषणा करते हुए नेतन्याहू पर गाजा में कोई प्रभावी रणनीति नहीं होने का आरोप लगाया था.


पिछले सप्ताह संसदीय मतदान में अति-रूढ़िवादी यहूदियों को सेना में भर्ती करने के कानून पर मतदान में मतभेद उजागर हो गए. रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने पार्टी के आदेशों की अवहेलना करते हुए इसके खिलाफ मतदान किया, उन्होंने कहा कि यह सेना की जरूरतों के लिए नाकाफी है.


गठबंधन में शामिल धार्मिक दलों ने अति-रूढ़िवादी लोगों के लिए भर्ती का कड़ा विरोध किया है, जिससे कई इजरायलियों में व्यापक गुस्सा है, जो युद्ध के चलते और गहराता जा रहा है.


सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्ज़ी हलेवी ने रविवार को कहा कि तेजी से बढ़ते अति-रूढ़िवादी समुदाय से अधिक सैनिकों की भर्ती करने की 'निश्चित आवश्यकता' है.


इजरायल-हमास समझौता अब भी दूर
युद्ध विराम के लिए बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बावजूद, लड़ाई रोकने के लिए समझौता अभी भी दूर की कौड़ी प्रतीत होता है. हालांकि पब्लिक ओपिनयन से पता चलता है कि अधिकांश इजरायली हमास को खत्म करने के सरकार के उद्देश्य का समर्थन करते हैं. इसके बावजूद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें सरकार पर इस बात का आरोप लगाया गया है कि उसने 7 अक्टूबर को बंधक बनाए गए लगभग 120 बंधकों को वापस लाने के लिए अधिक कदम नहीं उठाए हैं, जो अभी भी गाजा में हैं.


बता दें दे इजरायल पर 7 अक्टूबर के हमासे के हमले में 1200 लोग मारे गए थे. 200 से अधिक लोगों को हमास ने बंधक बना लिया था और अपने साथ गाजा ले गए थे. इसके जवाब में इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी और गाजा पर जमीनी व हवाई हमले शुरू कर दिए. इजरायली हमलों में अब तक 37,000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है.


File photo courtesy: @netanyahu