तेल अवीव: इजरायल और फिलिस्तीन (Israel & Palestine) के बीच हुआ संघर्ष विराम चंद दिनों में ही समाप्त हो गया है. इजरायल की तरफ से गाजा (Gaza) पट्टी पर जोरदार हमला किया गया है. हालांकि, उसने इसे जवाबी कार्रवाई करार दिया है. इजरायल का कहना है कि पहले हमास (Hamas) ने हमला बोला था, जिसके जवाब में उसने रॉकेट दागे. बता दें कि दोनों देशों के बीच 11 दिन तक भीषण युद्ध चला था, जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. अमेरिका आदि देशों के प्रयासों के बाद इजरायल और फिलिस्तीन ने युद्ध खत्म करने पर सहमति जताई थी, लेकिन यह सहमति ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रह सकी.  


21 मई को हुआ था Ceasefire


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‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए एक बार फिर गाजा की तरफ रॉकेट दाग दिए हैं. मंगलवार की रात अचानक इजरायल की तरफ से गाजा पर रॉकेट दागे गए. यह 21 मई को हुए सीजफायर का उल्लंघन है. इजरायल द्वारा किया गया ये हमला संघर्ष विराम समझौते के बाद पहली सबसे बड़ी घटना है. हालांकि, अभी ये साफ नहीं हो सका है कि रॉकेट हमले में जाल-माल का कितना नुकसान हुआ.


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Israel ने दिया ये तर्क


वहीं, इजरायल ने कहा है कि उसने केवल हमास की कार्रवाई का जवाब दिया है. इजरायली सेना ने एक बयान जारी करके बताया कि पहले हमास की तरफ इजरायल पर गोले दागे गए थे, जिसके जवाब में यह कार्रवाई की गई. इजरायल ने इसे उकसावे की कार्रवाई और सीजफायर का उल्लंघन मानने से इनकार करते हुए कहा कि उसने केवल बचाव में ऐसा किया है. उधर, हमास के प्रवक्ता ने कहा कि फिलिस्तीनी जेरूसलम में अपने अधिकारों और पवित्र स्थलों की रक्षा करना जारी रखेंगे.


ताजा संघर्ष की वजह March? 


इससे ठीक पहले इजरायली दक्षिणपंथियों ने पूर्व जेरूसलम की तरफ मार्च निकाला था, जिसमें काफी उत्तेजक नारेबाजी की गई थी. इससे फिलीस्तीन काफी नाराज था. माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच ताजा संघर्ष की  वजह यह मार्च हो सकता है. गौरतलब है कि 11 दिनों तक चले इजरायल और फिलिस्तीन के युद्ध का अंत 21 मई, 2021 को सीजफायर समझौते के रूप में हुआ था. इस युद्ध में दोनों तरफ से सैंकड़ों हवाई हमले किए गए थे. जिनमें 220 लोग मारे गए थे, मरने वालों में अधिकतर फिलिस्तीनी नागरिक थे.