Israel vs Iran Military Power: दुनिया में पहले से ही रूस- यूक्रेन और इजरायल- हमास के बीच जंग छिड़ी हुई है. अब दुनिया में तीसरी जंग के बादल भी तेजी से गहराते जा रहे हैं. ईरान ने इजरायल पर अटैक करने की गंभीर धमकी दी है. इस धमकी की गंभीरता का इसी बात से लगाया जा सकता है कि इजरायल ने अपने सभी सैनिकों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. साथ ही अपने रिजर्व सैनिकों को भी युद्ध के लिए कॉल कर लिया है. ईरान के मिसाइल हमलों से देश के लोगों को बचाने के लिए इजरायल में राजधानी तेल अवीव समेत विभिन्न शहरों में बने शेल्टर फिर से चालू किए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि अगर यह जंग छिड़ी तो तीसरा वर्ल्ड वॉर शुरू होते देर नहीं लगेगी. जिसका अंत परमाणु युद्ध के रूप में हो सकता है. 


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इजरायल के खिलाफ गुस्से में क्यों जल रहा ईरान?


शिया मुल्क ईरान और यहूदी देश इजरायल के तनाव तो कई दशकों से बने हुए हैं. कई बार दोनों देश युद्ध के कगार पर आए लेकिन फिर बात संभल गई. हालांकि इस बार ऐसी घटना हो गई कि दुनिया के सामने बड़ा खतरा पैदा हो गया है. असल में 1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में इजरायल ने भीषण हवाई हमला किया. ईरान के कॉन्सुलेट पर हुए इस हमले में 7 ईरानी नागरिकों समेत कुल 13 लोग मारे गए. घटना में जान गंवाने वालों में ईरान के इस्लामिक रिवॉल्युशनरी गार्ड्स कोर (IRGC) में ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रजा जाहेदी समेत 'कुद्स फोर्स' के 2 टॉप कमांडर भी शामिल थे. 


यह कुद्स फोर्स IRGC की ओर से दुश्मन मुल्कों के खिलाफ खुफिया ऑपरेशन चलाती है. इजरायल ने फरवरी 2022 में भी इसी तरह ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर जनरल सुलेमानी की हत्या की थी. इसके बाद अब कुद्स फोर्स के मुखिया को मार देने से ईरान बुरी तरह बौखला गया है. वह इसे अपने देश की प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहा है और इजरायल को ऐसे घातक जवाब की धमकी दी है, जिसे वह कभी नहीं भूल पाएगा. 


कभी भी शुरू हो सकती है ईरान-इजरायल की जंग?


ईरान के इस बयान से माना जा रहा है कि ईरान- इजरायल के बीच खतरनाक जंग कभी भी शुरू हो सकती है. शिया मुल्क के खतरनाक मंसूबों को देखते हुए इजरायल ने अपने देश में जीपीएस सिस्टम को ब्लॉक कर दिया है. ऐसा करने से ड्रोन और मिसाइल रास्ता भटक जाते हैं. साथ ही ईरान के खिलाफ जंग के लिए अपनी सेना को तैयार करना शुरू कर दिया है. अगर वाकई दोनों देशों में जंग छिड़ जाती है तो कौन किस पर भारी पड़ेगा, यह आपको जरूर जानना चाहिए. 


सबसे पहले हम दोनों देशों की आबादी के बारे में जान लेते हैं और उसके बाद उनकी सेनाओं के बारे में बताएंगे. इजरायल की आबादी जहां करीब 38 लाख है, वहीं ईरान की जनसंख्या करीब 9 करोड़ है. युद्ध में जरूरत पड़ने पर इजरायल केवल 31 लाख लोगों को सेना में भर्ती कर सकता है, जबकि ईरान 4 करोड़ लोगों को जोड़ सकता है. 


सैनिकों की संख्या में इजरायल पर भारी है ईरान


अब दोनों देशों की सेनाओं की बात करते हैं. इजारयली आर्मी में 1.73 लाख रेग्युलर और 4.70 लाख रिजर्व सैनिक हैं. जबकि ईरानी सेना में 5.80 लाख नियमित जवान और 3.50 लाख रिजर्व सोल्जर हैं, जिन्हें वह युद्ध की स्थिति में बुला सकता है. इजरायल के पास 8 हजार पैरा- मिलिट्री के जवान हैं तो वहीं ईरान के पास इनकी तादाद 90 हजार है. यानी कि जनसंख्या और सैनिकों की संख्या, दोनों के मामले में ईरान अपने दुश्मन इजरायल से 21 नहीं बल्कि 22 बैठता है. 



दोनों मुल्कों की नौसैनिक ताकत की बात की जाए तो यहां पर भी इजरायल पर ईरान भारी पड़ता है. ईरान के पास कुल 101 युद्धपोत हैं, जबकि इजरायल के पास केवल 67 जहाज हैं. ईरान के पास 19 तो इजरायल के पास 5 पनडुब्पियां हैं. ईरान के पास मंझोले आकार के 7 फ्रिगेट्स हैं, जबकि इजरायल के पास एक भी नहीं है. ईरान के पास 3 कॉर्वेट हैं तो इजरायल के 7 हैं. दोनों देशों में से किसी के पास भी एयरक्राफ्ट करियर नहीं है.



इजरायल की एयर पावर है बेहद खतरनाक


अब दोनों देशों की एयर पावर के अंतर के बारे में बताते हैं. इस मामले में इजरायल, ईरान से कहीं आगे है. इजरायल के पास 601 विमान हैं, इनमें से 241 फाइटर एयरक्राफ्ट हैं. इनमें से 23 ऐसे खास विमान हैं, जो दूसरे देश में जाकर ऑपरेशन करने में महारत रखते हैं. वहीं ईरान के पास कुल 541 हैं, जिनमें से 196 की युद्ध करने की क्षमता रखते हैं. इनमें से दूसरे देश में स्पेशल मिशन को अंजाम देने वाले विमानों की तादाद केवल 9 है. इजरायल के पास ट्रांसपोर्ट प्लेन 15 हैं तो ईरान के पास इनकी संख्या 86 है. दोनों देशों के पास हेलीकॉप्टरों की बात की जाए तो उसकी तादाद 126- 126 है. इनमें से इजरायल के पास 48 अटैक हेलीकॉप्टर हैं, वहीं ईरान के पास केवल 12 हैं. 



दोनों देशों की आर्मी की दमखम की बात करें तो दोनों मुल्कों की अलग-अलग क्षमताएं दिखती हैं. ईरान के पास जहां 1085 मोबाइल रॉकेट प्रोजेक्टर्स हैं, तो इजरायल के पास ऐसे हथियारों की तादाद 300 है. ईरान के पास गाड़ी से खींचकर ले जाने वाली आर्टिलरी (Towed Artillery) 2050 है, वहीं इजरायल के पास 300 है. इजरायल के पास सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी 650 है तो ईरान के पास 580 है. इजरायल के पास 56 हजार 290 आर्मर्ड व्हीकल हैं तो ईरान के पास इनकी तादाद 69 हजार 685 है. टैंकों की बात की जाए तो इजरायल के पास 2200 टैंक हैं, वहीं ईरान के पास 4071 हैं. 


ईरान को करनी पड़ेगी अपने बड़े इलाके की सुरक्षा 


क्षेत्रफल की बात की जाए तो इजरायल महज 20 हजार 770 वर्ग किमी में फैला छोटा सा देश है, जिसे छोटे से भूभाग की सुरक्षा में अपने संसाधन लगाने हैं. वहीं ईरान एक बड़ा देश है, जिसका क्षेत्रफल 16.48 लाख वर्ग किमी है. ऐसे में उसे अपने संसाधनों को पूरे देश में इस तरह वितरित करना होगा, जिससे पूरा देश सुरक्षित रह सके. इजरायल में 42 हवाई अड्डे हैं, जिनसे वह सारा हवाई ऑपरेशन कर सकता है. वहीं ईरान के पास इनकी तादाद 310 है. 


इजरायल के इन ब्रह्मास्त्रों से कैसे बचेगा ईरान


इन आंकड़ों को देखकर आप समझ गए होंगे कि अगर दोनों देशों में जंग छिड़ी तो ईरान, यहूदी मुल्क इजरायल के छक्के छुड़ा सकता है. हालांकि ऐसा होना बेहद मुश्किल है. इसकी वजह इजरायल के पास मौजूद वे 2 ब्रह्मास्त्र हैं, जिनकी वजह से केवल ईरान ही बल्कि आसपास का कोई भी मुस्लिम मुल्क इजरायल से सीधा पंगा लेने से डरता है. उसके पास पहला ब्रह्मास्त्र परमाणु बम हैं. इजरायल ने हालांकि कभी भी खुलकर इस बारे में कबूल नहीं किया है. लेकिन माना जाता है कि उसके पास 30 से 50 तक परमाणु बम हैं, जिन्हें वह अपने अस्तित्व पर खतरा होने की स्थिति में इस्तेमाल कर सकता है.


ईरान समेत किसी भी इजरायल के आसपास के किसी भी मुस्लिम मुल्क के पास ये शक्ति नहीं है, इसलिए वे इजरायल पर गुर्राते तो जरूर हैं लेकिन सीधे भिड़ने से हमेशा बचते हैं. इजरायल का दूसरा ब्रह्मास्त्र अमेरिका का साथ है. अमेरिका में चाहे किसी भी दल की सरकार रही हो या वहां पर कोई भी राष्ट्रपति रहा हो, यूएस के लिए इजरायल हमेशा से बेहद खास सहयोगी रहा है. जिसकी सुरक्षा में वह हर वक्त तैयार खड़ा रहता है.



प्रॉक्सी के जरिए वार को आगे आगे बढ़ागा शिया मुल्क 


ऐसे में ईरान को पता है कि अगर उसने इजरायल पर हमला किया तो उसकी सुरक्षा के लिए अमेरिका भी आगे आएगा और अमेरिका पर हमला किया तो नाटो के सारे देश उस पर गिद्धों की तरह टूट पड़ेंगे, जिससे ईरान का अस्तित्व खत्म होते देर नहीं लगेगी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि गंभीर धमकियां देने के बावजूद इस बार भी ईरान, इजरायल पर सीधा हमला करने का साहस शायद ही दिखा पाए और अपने प्रॉक्सी, हिज्बुल्ला, हमास या हाउथी आतंकियों के जरिए इजरायल पर हमला करवाने का विकल्प चुनेगा, जिससे उसे नुकसान का खतरा भी कम रहेगा और वह इजरायल को चोट भी ज्यादा पहुंचा पाएगा. अब गेंद ईरान के पाले में है और देखना होगा कि वह आगे क्या कदम उठाता है.