Iran–Israel Relations: इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए कथित हमले की डिटेल अब सामने आ रही है. इस विवरण से पता चलता है कि यहूदी राष्ट्र ने हमले में कौन सी मिसाइल का इस्तेमाल किया और उसका टारगेट और संभावित मकसद क्या था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस्फहान के नजदीक एक प्रमुख मिलिट्री एयरबेस के पास विस्फोटों की आवाज सुनी गई. दरअसल यह एक इशारा था कि इजरायल डिफेंस सिस्टम को दरकिनार कर ईरान के अंदर के कहीं भी निशाना लगा सकता है.


कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि इस्फहान मिलिट्री एयरबेस में एफ-14 टॉमकैट फाइटर एयरक्राफ्ट के स्क्वाड्रन हैं. इसमें मिलिट्री रिसर्च और डेवलपमेंट फैसिलिटी सहित महत्वपूर्ण साइट्स भी हैं. पास का शहर, नटान्ज़, देश की न्यूक्लियर एनरिचमेंट साइंट्स में से एक है.  


इजरायल ने किया हाईटेक मिसाइल का इस्तेमाल
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार,  इजरायल ने एक हाईटेक मिसाइल का इस्तेमाल किया जो कि ईरान के रडार सिस्टम से बचने में सक्षम थी. ऐसा माना जाता है कि इजरायल पर सीधा हमला शुरू करने से पहले ‘ईरान को दो बार सोचने पर मजबूर करने के लिए’ सोच-समझी रणनीति के तहत ये काम किया गया.


रिपोर्ट में दो पश्चिमी अधिकारियों और दो ईरानी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा गया है कि हमले में कथित तौर पर एक डिफेंस सिस्टम को नुकसान पहुंचा. यह डिफेंस सिस्टम नटान्ज के पास हवाई खतरों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए जिम्मेदार थी.


दो ईरानी अधिकारियों ने कहा कि इजरायली हथियार ने इस्फहान प्रांत में एक मिलिट्री बेस पर रूस मेड एस -300 एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम को निशाना. उन्होंने सैटेलाइट इमेजरी भी दिखाई थी जिसका मीडिया आउटलेट द्वारा विश्लेषण किया गया. सैटेलाइट तस्वीरों में सेंट्रल ईरान के इस्फहान में आठवें शेखरी एयर बेस पर एस-300 सिस्टम के रडार को नुकसान हुआ दिखाया गया है.


ईरान-इजरायल ने साधी चुप्पी
इजरायल ने हमले की जिम्मेदारी का दावा नहीं किया और तेहरान ने भी इस घटना को अधिक महत्व नहीं दिया. ईरान ने संकेत दिया कि उसकी जवाबी कार्रवाई की कोई योजना नहीं है. ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि ड्रोन ‘मिनी-ड्रोन’ थे और उन्होंने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है.


मीडिया ने भी परस्पर विरोधी रिपोर्टें प्रसारित कीं, जिनमें से अधिकांश में कुछ ईरानी अधिकारियों के  हवाले से इस घटना को छोटी संख्या में हुए विस्फोट बताया. उन्होंने कहा कि इस्फहान के ऊपर वायु रक्षा बलों द्वारा तीन ड्रोनों को मार गिराने की वजह से विस्फोट हुए. उन्होंने इस घटना को इज़राइल के बजाय ‘घुसपैठियों’ द्वारा किया गया हमला बताया.