एक तूफान के आगे घुटने टेकते नजर आया टर्की, पूरी दुनिया के लिए भी है खतरा; जानिए कैसे
पिछले साल 2020 में टर्की (Turkey) में बाढ़, तूफान, सूखे और जंगलों में आग लगने की 984 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी है. वैज्ञानिक इस बात से हैरान है कि अब तुर्की के कई शहरों में एक ही दिन में तापमान बहुत ज्यादा हो जाता है और फिर उसमें अचानक से 10 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट भी आ जाती है.
नई दिल्ली: अगर आप जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को हल्के में लेते हैं या इसे सिर्फ वैज्ञानिकों की कल्पना समझते हैं तो आपको टर्की (Turkey) के इस्तान्बुल शहर में आए शक्ततिशाली तूफान की खबर को गंभीरता से लेना चाहिए. इस्तान्बुल टर्की का सबसे बड़ा और प्राचीन शहर है. लेकिन कल इस शहर में अचानक 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने लगी, जिसकी वजह से सड़कों पर चलती कई गाड़ियां पलट गईं, शहर का मशहूर क्लॉक टावर (Clock Tower) टूट कर नीचे गिर गया और कई घरों और मकानों की छत उड़ गईं.
कुदरत का कहर जारी
इस्तान्बुल में अभी तक मौसम बिगड़ा है. तेज़ हवाएं चल रही हैं और अब इसका असर Turkey के दूसरे शहरों पर भी दिखने लगा है. इस तूफान को लेकर Turkey के 87 में से 67 प्रांतों में अलर्ट जारी कर दिया गया है, कई बंदरगाहों को बंद कर दिया गया है और उड़ानें भी रोक दी गई हैं.
एक दिन में 10 डिग्री का अंतर
लोगों को भारी बारिश, बाढ़ और जबरदस्त ठंड पड़ने की भी चेतावनी दी गई है. दुनियाभर के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सब जलवायु परिवर्तन यानी Climate Change की वजह से हो रहा है. बीते साल 2020 में ही इसी देश टर्की में बाढ़, तूफान, सूखे और जंगलों में आग लगने की 984 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी है. वैज्ञानिक इस बात से हैरान है कि अब टर्की के कई शहरों में एक ही दिन में तापमान बहुत ज्यादा हो जाता है और फिर उसमें अचानक से 10 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट भी आ जाती है.
टर्की की खासियत
टर्की एक ऐसा देश है, जो चार अलग अलग समुद्रों से घिरा हुआ है. जलवायु परिवर्तन की वजह से इन समुद्रों का तापमान बढ़ता जा रहा है, इनका जलस्तर भी भविष्य में एक मीटर तक बढ़ जाने की आशंका है और इससे समुद्र के किनारे रहने वाले हज़ारों लोगों का जनजीवन प्रभावित होगा.
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हालांकि ये स्थिति सिर्फ Turkey के साथ नहीं है बल्कि Climate Change के खतरे का सामना दुनिया का लगभग हर देश कर रहा है और अगर इसे रोकने के लिए समय पर कदम नहीं उठाए गए तो दुनिया भर के करोड़ों लोगों का जीवन हमेशा के लिए खतरे में पड़ जाएगा.