कोरोना संकट: इमरान नाकाम, लेकिन इस प्रधानमंत्री की मुरीद हुई जनता
कोरोना महामारी (Coronavirus) से निपटने में नाकाम रहने के चलते जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की आलोचना हो रही है, वहीं न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) की पूरी दुनिया तारीफ कर रही है.
वेलिंगटन: कोरोना महामारी (Coronavirus) से निपटने में नाकाम रहने के चलते जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की आलोचना हो रही है, वहीं न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) की पूरी दुनिया तारीफ कर रही है. इतना ही नहीं जैकिंडा को देशवासियों ने सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्री भी करार दिया है. यह सब कुछ संभव हुआ संकट को समझकर, सही समय पर सही फैसले लेकर, जबकि इमरान खान न कोरोना के खतरे को समझ सके और न ही सही फैसले लेने का साहस जुटा पाए.
न्यूज़हब-रीड रिसर्च (Newshub-Reid Research) द्वारा आयोजित पोल में न्यूजीलैंड की जनता ने जैकिंडा अर्डर्न को सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री बताया. कोरोना महामारी के दौरान उनके द्वारा किये गए कार्यों से लोग संतुष्ट नजर आये. पोल के मुताबिक, अर्डर्न की लेबर पार्टी 14 अंकों की छलांग लगाकर 56.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है. यह किसी भी पार्टी के लिए सबसे अधिक स्कोर है, जबकि, संसद में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद, नेशनल्स (Nationals) के स्कोर में 12.7 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है.
मिले सबसे ज्यादा अंक
ये पोल 8 मई से 16 मई के बीच कराए गए और आधे से ज्यादा लोगों की प्रतिक्रिया गुरुवार को फेडरल बजट पेश होने के बाद ली गईं. अर्डर्न 59.5 प्रतिशत के साथ सबसे पसंदीदा प्रधानमंत्री के रूप में सूची में शीर्ष पर रहीं, जो रीड रिसर्च पोल के इतिहास में किसी भी नेता को मिला अब तक का उच्चतम स्कोर है. पोल लॉकडाउन के बाद जनता की भावनाओं पर आधारित था. 92 फीसदी लोगों ने प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए लॉकडाउन के फैसले का स्वागत किया. गौरतलब है कि न्यूजीलैंड ने अप्रैल के अंत से लॉकडाउन को ढील देना शुरू कर दिया था. हालांकि, अन्य कड़े उपाय जारी रखे, जिससे वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिली.
मौत का आंकड़ा काफी कम
कोरोना की रफ्तार को नियंत्रित करने के बाद न्यूजीलैंड ने 14 मई को मॉल, सिनेमा, कैफे और जिम सहित अधिकांश व्यवसायों को फिर से खोल दिया है. देश में कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से सामने आ रहे थे, लेकिन सरकार ने सही समय पर सही फैसले लिए और उन्हें प्रभावी ढंग से अमल में लाया गया. जिसकी बदौलत महामारी के चक्र को तोड़ने में सफलता हाथ लगी. दुनिया भर में कोरोना के 4.7 मिलियन मामले सामने आये हैं और 315,000 मौतें हुई हैं. जबकि न्यूजीलैंड में 1,499 लोग संक्रमित पाए गए और करीब 21 लोगों को ही जान गंवानी पड़ी है.