S Jaishankar Statement: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) इन दिनों अमेरिका (US) के दौरे पर हैं. एस जयशंकर ने भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर जोर देते हुए धर्म के आधार पर भेदभाव की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि भारत में सबकुछ निष्पक्ष है. एस. जयशंकर ने कहा कि दुनिया में पहले किसी ने ऐसा नहीं किया. आज आप इसके लाभों को आवास, स्वास्थ्य, खाद्य और आर्थिक मामलों को देखते हैं. यहां शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सबकी पहुंच है. मैं आपको चुनौती देता हूं कि भेदभाव को दिखाएं. वास्तव में, हम जितना ज्यादा डिजिटल हो गए हैं, शासन उतना ही फेसलेस हो गया है. इसकी वजह से यह अधिक निष्पक्ष हो गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारत को पाठ पढ़ाने की जरूरत नहीं


अमेरिका की धरती से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका को भी सलाह दी कि भारत को पाठ पढ़ाने की जरूरत नहीं है. जयशंकर ने सवाल किया कि जो स्थिति आज भारत के साथ है आज वो किसी और देश के साथ हो तो उनका क्या रुख होता. अमेरिका ने शायद सोचा नहीं होगा कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर उसी की धरती पर जाकर उसे फटकार लगाएंगे. लेकिन जयशंकर तो जयशंकर हैं जो जिस लहजे में सवाल पूछता है उसे वो उसी के लहजे में जवाब भी देते हैं.


पश्चिमी देशों को जयशंकर की नसीहत


कनाडा के मुद्दे पर दो नाव की सवारी कर रहे अमेरिका को भारत ने कड़ी नसीहत दी है. वॉशिंगटन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जयशंकर ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर भारत को कोई मुल्क ज्ञान ना दे. उन्होंने एक सवाल के दौरान पलटकर पूछ लिया कि भारत के साथ जो हो रहा है, वही अगर दूसरे देश के साथ होता तो वो क्या करता. उनका इशारा अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की तरफ था जो हर मामले में अभिव्यक्ति की आजादी का नाम लेकर बिन बुलाए कूद पड़ते हैं.


कनाडा पर जयशंकर का बयान


गौरतलब है कि कनाडा से जारी विवाद के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की मुलाकात हुई. इस मुलाकात के बाद एंटनी ब्लिंकन ने उम्मीद जताई कि कनाडा और भारत इस मामले को सुलझाने के लिए मिलकर काम करेंगे. जयशंकर ने कनाडा के आरोपों को लेकर अमेरिकी नजरिए पर भी सवाल उठाए और कहा कि कनाडा में अलगाववाद, हिंसा और आतंकवाद का जहरीला संयोजन है लेकिन अमेरिकियों को कनाडा अलग नजर आता है.