Japan on China- Russia: चीन- रूस से मुकाबले के लिए खुद को तैयार कर रहा जापान, नई रक्षा रिपोर्ट में बताया- कैसे करेगा सामना
Japan Defense Against China-Russia: दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दबंगई ने जापान के कान खड़े कर दिए है. अब वह वर्षों पुरानी अपनी शांति नीति को त्यागकर खुद सशस्त्र करने के प्रयासों में जुटा है.
Japan Defense Preparedness Against China-Russia: जापान ने शुक्रवार को जारी अपनी वार्षिक रक्षा रिपोर्ट क्षेत्र में चीन की आक्रामकता, रूस के साथ उसके बढ़ते सैन्य संबंध और ताइवान पर उसके दावे को लेकर चिंता जताई है. इस रिपोर्ट में जापान की नई सुरक्षा रणनीति का खुलासा करते हुए पहली बार बड़े स्तर पर सैन्य निर्माण का आह्वान किया गया है. प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की कैबिनेट ने जापान के इस रक्षा श्वेत पत्र के 2023 संस्करण को स्वीकृत कर दिया है.
दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद गंभीर स्थिति
इस रिपोर्ट (Japan Defense White Paper) के अनुसार, दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद से मौजूदा सुरक्षा माहौल सबसे खराब स्थिति में है. यह दिसंबर में सरकार द्वारा अपनाई गई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के तहत पहली रक्षा योजना है, जिसमें टॉमहॉक्स जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ हमले की क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता बताई गई है. यह वार्षिक रक्षा रिपोर्ट 510 पेज की है. इसमें कहा गया है,‘दूसरा विश्वयुद्ध के समाप्त होने के बाद अब सबसे गंभीर और जटिल सुरक्षा माहौल बना हुआ है. इसमें चीन, रूस और उत्तर कोरिया का सबसे ज्यादा योगदान है.
चीन-रूस कर रहे बल प्रदर्शन
रिपोर्ट (Japan Defense White Paper) में कहा गया है कि चीन का रुख और सैन्य गतिविधियां जापान व अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बन रही हैं. इससे दुनिया के सामने अभूतपूर्व और बड़ी रणनीतिक चुनौती खड़ी हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार रूस और चीन (China-Russia) ने आपस में रणनीतिक संबंध गहरे किए हैं. बमवर्षक विमानों की संयुक्त उड़ानों और चीनी- रूसी युद्धक जहाजों का संयुक्त नौवहन स्पष्ट रूप से जापान के विरुद्ध बल प्रदर्शन है.
परमाणु हथियार बढ़ा रहा चीन
रक्षा रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन और रूस (China-Russia) ने 2019 के बाद से कम से कम 5 बमवर्षक विमानों का संयुक्त संचालन किया, जिनमें पिछले साल नवंबर में एक विमान का संचालन भी शामिल है. रिपोर्ट में 2035 तक चीन के पास 1,500 परमाणु हथियार होने और ताइवान पर उसके बढ़ते सैन्य प्रभाव का उल्लेख किया गया है, जो क्षेत्रीय तनाव बढ़ाता है और विशेष रूप से ओकिनावा सहित जापान के दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों के लिए एक सुरक्षा खतरा है.
ओकिनावा के लोगों में बढ़ा डर
ओकिनावा की लड़ाई के गवाह रहे यहां के कई निवासियों को इस बात की चिंता है कि ताइवान (Taiwan) में आपातकाल की स्थिति में वे एक बार फिर पीड़ित होने वाले पहले व्यक्ति होंगे. इस युद्ध में जापान के मुख्य द्वीप पर अमेरिका के हमले को रोकने के प्रयास में जापान की सेना के साथ ओकिनावा के कई लोगों ने बलिदान दिया था.
जापान तैनात कर रहा नई मिसाइलें
ओकिनावा के गवर्नर डेनी तमाकी ने वहां अमेरिकी सैन्य अड्डों की संख्या घटाने और बीजिंग के साथ कूटनीति और बातचीत के अधिक प्रयास करने का आह्वान किया है. वहां जापान सरकार की राय इससे उलट है. वह इशिगाकी और योनागुनी सहित सुदूर दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों की सुरक्षा को मजबूत कर रही है. वहां पर मिसाइल सुरक्षा के लिए नए अड्डे स्थापित किए गए हैं.
(एजेंसी इनपुट)