America-Afghanistan Relations: अमेरिका के नेशनल सिक्यूरिटी आर्काइव के नए नॉन क्लासीफाइड दस्तावेजों से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. इन दस्तावेजों के मुताबिक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने सोवियत संघ के खिलाफ अफगान मुजाहिदीन को 'घातक सैन्य सहायता' के लिए मंजूरी दी थी.


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इसमें जरूरत पड़ने पर तीसरे देश के जरिए मुजाहिदीन की ट्रेनिंग की इजाजत भी शामिल थी. द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वॉशिंगटन स्थित नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव के दस्तावेज शनिवार को सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद के एक ट्वीट के जरिए सामने आए.


ट्वीट में क्या लिखा है?


द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ट्वीट में लिखा है, '42 साल के बाद वॉशिंगटन के नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव ने शनिवार को नॉन क्लासीफाइड और जारी किए गए राष्ट्रपति कार्टर के इस सबसे अहम फैसले ने 1979 में पाकिस्तान के जरिए सीआईए की ओर से फंडेड वित्त पोषित 'अफगान जेहाद' की नींव रखी. इसके तहत अमेरिका ने 2.1 अरब डॉलर और सऊदी अरब ने 2.1 अरब डॉलर उपलब्ध कराए.'


ट्वीट में उन्होंने सीआईए के 10 साल चले लंबे ऑपरेशन का हवाला देते हुए सैयद ने द न्यूज को बताया कि यह दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद सीआईए का सबसे बड़ा सीक्रेट ऑपरेशन था. 10 साल, सैकड़ों अफगान मुजाहिदीन का कारोबार, खर्च 2.1 अरब डॉलर, और सऊदी अरब के बराबर राशि, और मुझे यकीन है कि बाकी रकम भी होगी."


नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव के दस्तावेजों की समरी में कहा गया है कि जारी किया गया रिकॉर्ड अफगान विद्रोहियों को कार्टर प्रशासन की तरफ से दिए गए समर्थन और सीमा के बारे में चल रहे ऐतिहासिक सवाल के बारे में बताता है. ब्रेज़िंस्की की 28 दिसंबर 1979 की ईरान और अफगानिस्तान पर बैठक की समरी के साथ कार्टर के साइन किए गए प्रेसिडेंट रिजल्ट की एक कॉपी अटैच है, जो सोवियत दखल वाले अफगान विरोधियों को घातक सैन्य सहायता के तौर पर सीक्रेट एक्शन की इजाजत देती है."


2500 से ज्यादा कम्युनिकेशन और रिकॉर्ड्स


14 दिसंबर को, नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव ने जिमी कार्टर के राष्ट्रपति पद पर एक अहम शुरुआती दस्तावेज कलेक्शन पब्लिश किया था. 'कार्टर के राज में अमेरिकी विदेश नीति, 1977-1981: राष्ट्रपति को हाइएस्ट लेवल मेमोरेंडम' टाइटल वाले इस कलेक्शन में कार्टर शासन के दौरान 2,500 से ज्यादा कम्युनिकेशन और नीति तय करने वाले रिकॉर्ड हैं. कुछ मामलों में कम्युनिकेशन पर सीधे कार्टर ने टिप्पणी की है.


दस्तावेजों में कार्टर, उनके एनएसएस जबिग्न्यू ब्रेज़िंस्की और राज्य सचिव साइरस वेंस और एडमंड मुस्की को प्रमुखता से दिखाया गया है.


मिडिल ईस्ट से लेकर अफगानिस्तान से लेकर चीन तक, सार्वजनिक किए गए दस्तावेज़ इस बात की इनसाइट हैं कि कार्टर के वर्षों के दौरान अमेरिकी विदेश नीति के साथ क्या चल रहा था. आर्काइव्ज के निदेशक मैल्कम बर्न कहते हैं- 'जिमी कार्टर के करीबी सलाहकारों के ये पर्सनल मेमो रियल टाइम में सामने आने वाली नीति प्रक्रिया को दिखाते हैं. राष्ट्रपति के हाथ से लिखे पढ़ने में काबिल होने से हमें गंभीर समस्याओं के बारे में उनकी सोच के बारे में एक असाधारण झरोखा मिलता है."