वॉशिंगटन: अमेरिका के संसद भवन में हुए हिंसक हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए जो बाइडेन (Joe Biden) वॉशिंगटन में कड़ी सुरक्षा के बीच अमेरिका के अगले राष्ट्रपति (US President Oath Ceremony) के तौर पर शपथ लेंगे. अमेरिका की सुरक्षा एजेसिंयों ने संभावित खतरे का मुकाबला करने के लिए कड़ी व्यवस्था की है. सिक्योरिटी एजेंसियों को यह भी आशंका है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहा कोई कर्मी भी ड्यूटी के दौरान हमला कर सकता है.


25 हजार से अधिक सैनिक तैना,


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हालांकि, जो बाइडेन (Joe Biden) से किसी विशेष खतरे के बारे में चर्चा नहीं की गई है. इसके बावजूद जो बाइडेन शपथ ग्रहण समारोह (Joe Biden Oath Ceremony) से पहले सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है. अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में लॉकडाउन जैसी स्थिति है और 25 हजार से अधिक सैनिक और पुलिस कर्मियों को सुरक्षा में लगाया गया है. सुरक्षा तैयारियों के तहत सड़कों पर टैंक और कंक्रीट के अवरोधक लगाए गए हैं. राष्ट्रीय स्मारक को बंद कर दिया गया है. अमेरिकी संसद परिसर की घेराबंदी की गई है और प्रत्येक मार्ग पर चेक पोस्ट बनाए गए हैं. पूरे कार्यक्रम की सुरक्षा जिम्मेदारी संभाल रहे सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने कहा कि वे किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं.


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हिंसक झड़प की आशंका


लॉ इन्फोर्समेंट अधिकारी ने बताया कि अधिकारी घोर दक्षिणपंथी और मिलिशिया समूह के सदस्यों की निगरानी कर रहे हैं. उनकी चिंता ऐसे संभावित समूहों के सदस्यों द्वारा वॉशिंगटन में आकर हिंसक संघर्ष भड़काने को लेकर है. अधिकारी ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह से घंटों पहले संघीय एजेंट निर्वाचित नेताओं की धमकी और कार्यक्रम में घुसपैठ कर गड़बड़ी के इरादे संबंधी चर्चा सहित चिंताजनक ऑनलाइन चैटिंग करने वालों की निगरानी कर रहे हैं.


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कुछ सुरक्षाकर्मी हटाए


एफबीआई (FBI) की जांच के बाद के नेशनल गार्ड के 12 कर्मियों को सुरक्षा ड्यूटी से हटा दिया गया है जिनमें से दो ने बुधवार को होने वाले कार्यक्रम को लेकर उग्र बयान दिया था. हालांकि, पेंटागन के अधिकारियों ने उनकी विस्तृत जानकारी नहीं दी है. दो अन्य अमेरिकी अधिकारियों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि हटाए गए सभी 12 कर्मियों के दक्षिण पंथी मिलिशिया समूह से संबंधित थे. उन्होंने कट्टरपंथी विचार सोशल मीडिया पर साझा किए थे. नेशनल गार्ड ब्यूरो के प्रमुख जनरल डेनियल होकेंसन ने पुष्टि की है कि सदस्यों को कार्य से हटाकर घर भेजा गया है.


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