Train Of Kim Jong Un: उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय सुर्ख़ियों में हैं. इसका कारण यह है कि वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए रूस पहुंचे हैं. वे अपनी ट्रेन से रूस पहुंचे हैं. अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किम जोंग उन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक बैठक में शामिल होंगे. इस बैठक के बारे ज्यादा जानकारी तो सामने नहीं आई है लेकिन अमेरिकी एक्सपर्ट्स को आशंका है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए उत्तर कोरिया से हथियारों की मदद मांग सकते हैं. इन सबके बीच किम जोंग उन की ट्रेन काफी चर्चा में है.


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ट्रेन में सवार होकर रूस पहुंचे
दरअसल, समाचार एजेंसी रायटर्स ने बताया है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ट्रेन में सवार होकर रूस पहुंचे हैं. ये वही ट्रेन है जिसके माध्यम से किम जोंग उन अक्सर विदेशी दौरे करते हैं. एक तथ्य यह भी है कि किम जोंग उन के पिता, किम जोंग इल और उनके दादा, किम इल सुंग, दोनों उड़ान भरने से डरते थे. यह डर संभवतः तब पैदा हुआ जब किम जोंग इल और किम इल सुंग ने एक उड़ान के दौरान अपने जेट में विस्फोट देखा था. इस घटना के बाद किम इल सुंग 1986 में एकबार सोवियत संघ गए थे.


बख्तरबंद ट्रेन
एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह आखिरी बार था जब उत्तर कोरियाई नेता ने तीन दशकों से अधिक समय में हवाई मार्ग से विदेश यात्रा की थी. इसके बाद वहां के शासक ट्रेन की ही यात्रा करते हैं. बताया जाता है कि काफी पहले इस बख्तरबंद ट्रेन में क़रीब 90 गाड़ियां थीं. पीली पट्टी वाली हरे रंग की इस ट्रेन में कॉन्फ्रेंस रूम, दर्शक कक्ष और बेडरूम भी थे. उसमें ब्रीफिंग के लिए सैटेलाइट फोन और टीवी भी लगाए गए थे. इस समय यह ट्रेन जितनी आलीशान है उतनी ही सिक्योर भी है.


दर्जनों सिक्योरिटी एजेंट्स
इस ट्रेन में दर्जनों सिक्योरिटी एजेंट्स किम के साथ सफर करते हैं, जो सभी ट्रेन के रूट को स्कैन करते हैं. साथ ही आने वाले रेलवे स्टेशन पर बम और अन्य खतरों को टालते हैं. इतना ही नहीं इस ट्रेन में रूसी, चीनी, कोरियाई, जापानी और फ्रांस के प्रसिद्ध और मनचाहे व्यंजन कभी भी बनाए जा सकते हैं. ट्रेन में मनोरंजन के लिए डांसिंग और सिंगिंग का प्रबंध है. फिलहाल इस ट्रेन की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आ रही हैं. 


हालांकि रफ्तार के मामले में यह ट्रेन काफी स्लो है. इसकी रफ्तार 50 किमी/घंटा (31 मील प्रति घंटा) है, जो अधिकतर आधुनिक ट्रेनों की तुलना में बहुत कम है. मजबूती के मामले में इसकी तुलना लंदन की हाई-स्पीड रेल से की जाती है जो लगभग 200 किमी/घंटा और जापान की शिंकानसेन बुलेट ट्रेन 320 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है.