UK Blood Scandal: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने जैसे ही सोमवार को अपने देशवासियों से माफी मांगी, पूरे देश में चर्चा होने लगी. आइए जानते हैं ऐसा क्या हुआ कि पीएम को मांगनी पढ़ रही माफी, क्या है पूरा मामला.
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UK Prime Minister Rishi Sunak: ब्रिटेन के दूषित ब्लड स्कैंडल की परतें अब खुल गई हैं. करीब सात साल बाद ब्रिटेन के कंटामिनटेड ब्लड स्कैंडल (Contaminated Blood Scandal) को ब्रिटेन के सबसे बड़े हेल्थ घोटाले के रूप में माना जा रहा है. इस घोटाले की एक स्वतंत्र कमेटी ने जांच की थी, जिसकी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है. इसकी वजह से ब्रिटेन में राजनीतिक उबाल आया हुआ है. जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि सरकार ने उन गलतियों को छुपाया जिसके कारण हजारों लोग एचआईवी या हेपेटाइटिस से संक्रमित हुए. एक रिपोर्ट ने ब्रिटेन में हड़कंप मचा दिया है.
रिपोर्ट आते ही सुनक आए सामने
रिपोर्ट पेश किए जाने के कुछ घंटों बाद हाउस ऑफ कॉमंस में सुनक ने कहा कि यह ब्रिटेन के लिए शर्म का दिन है. मैं सभी से दिल से माफी मांगता हूं. सरकार के मुआवजे का विवरण बाद में जारी किया जाएगा. ब्रिटिश सरकार द्वारा मुआवजा देने के लिए 10 अरब पाउंड (12.70 अरब डॉलर) से अधिक खर्च करने की उम्मीद है.
2017 में जांच
यह जांच छह साल पहले 2017 में शुरू की गई थी, जब थेरेसा मे प्रधानमंत्री थीं. इसका उद्देश्य यह देखना था कि 1970 और 1980 के दशक में कैसे हजारों लोग संक्रमित ब्लड प्रोडक्ट की वजह से से घातक बीमारियों का शिकार हुए. 2019 तक लगभग 3,000 लोगों की इस वजह से मृत्यु होने का अनुमान लगाया गया था.
सबसे पहले जानें क्या है मामला
बात 1970 और 1990 के दशक के बीच की है. जब ब्रिटेन के लोगों को दूषित खून दिए गए, जिसकी वजह से हजारों लोग HIV या हेपेटाइटिस से संक्रमित हो गए थे. इनमें वे लोग शामिल थे जिन्हें दुर्घटनाओं, सर्जरी या डिलीवरी के बाद खून या प्लाज्मा चढ़ाया गया था. इस बीच इन लोगों को जो खून दिया गया था वे संक्रमित खून था, जिससे इन लोगों में खतरनाक बीमारियां फैली.
30000 लोगों की मौत
एक अनुमान के मुताबिक, हर चार दिन में संक्रमित खून के वजह से एक व्यक्ति की मौत हो जाती थी. इस पूरे घोटाले में 3,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और अन्य को आजीवन स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ा है. उसके
क्या है ब्लड स्कैंडल?
जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि सरकार ने उन गलतियों को छुपाया जिसके कारण हजारों लोग एचआईवी या हेपेटाइटिस से संक्रमित हुए. यह ब्लड स्कैंडल राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के इतिहास में एक बदनुमा दाग बन गया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सरकार को सौंपी गई एक जांच रिपोर्ट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) पर देश में 1970 के दशक में मरीजों को संक्रमित खून चढ़ाने के प्रकरण को दबाने का आरोप लगाए जाने के बाद सोमवार को माफी मांगी.
जांच समिति के अध्यक्ष सर ब्रायन लैंगस्टाफ द्वारा इस मुद्दे पर अपना कड़ा फैसला सुनाए जाने के कुछ घंटों बाद संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स' में सुनक ने कहा कि जांच में उल्लिखित ‘‘विफलताओं और इनकार के रवैये'' के बाद यह ब्रिटेन के लिए शर्म का दिन है. ब्रिटेन में संक्रमित रक्त प्रकरण की जांच में सोमवार को पाया गया कि अधिकारियों और लोक स्वास्थ्य सेवा ने जानकारी रहने के बावजूद हजारों मरीजों को संदूषित रक्त के जरिये जानलेवा संक्रमण कराया.
मैं दिल से माफी मांगता हूं- ऋषि सुनक
सुनक ने पीड़ितों और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए कहा कि यह असंभव है कि मैं समझ सकूं की पीड़ितों को कैसा महसूस हुआ होगा. मैं पूरे दिल से और स्पष्ट रूप से माफी मांगता हूं. उन्होंने कहा कि मैं अपनी और 1970 से लेकर अब तक की सभी सरकारों की ओर से लोगों से माफी मांगता हूं. मुझे वास्तव में खेद है. उन्होंने कहा कि चाहे जो भी खर्च हो सभी पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा.