बेरूत: पिछले कई महीनों से लेबनान (Lebanon) तमाम भयानक वजहों से खबरों में रहा है, और मंगलवार को बेरूत पोर्ट (Beirut Port) पर हुए भयंकर धमाके ने इसके हालात और भी बुरे बना दिए हैं, जिसमें अभी तक 137 जानें जा चुकी हैं और 5000 लोग घायल हुए हैं.


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लेबनान की पत्रकार करोल यामिन ने देश की राजधानी बेरूत से WION के लिए ग्राउंड रिपोर्टिंग करते हुए बताया कि, ‘तबाही से हुए नुकसान को बयान नहीं किया जा सकता’.


उनके मुताबिक, ‘ये नुकसान इसलिए और भी परेशान कर देने वाला है क्योंकि लेबनान पहले से ही आर्थिक संकट (Economic Crisis) के दौर से गुजर रहा था’. वो आगे कहती हैं, ‘हॉस्पिटल्स (Hospitals) हाथ खड़े कर चुके हैं, इस ब्लास्ट की वजह से नहीं बल्कि कोरोना महामारी के चलते जो स्थिति उत्पन्न हुई है, उसकी वजह से’.


यामिन ने बताया कि केवल हॉस्पिटल्स ही नहीं बल्कि इस धमाके से बेरूत के तमाम बिजनेस बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि बेरुत तमाम चीजों का केन्द्र है, रेस्तरां और नाइटलाइफ का भी. वो आगे कहती हैं, ‘ये लेबनान का दिल है और सीधे दिल में गोली मारी गई है’.


यामिन देश के आर्थिक हालातों के बारे में बताती हैं कि कैसे ये बुरे दौर में है और इस धमाके के चलते ये और भी बुरी स्थिति में चली जाएगा. उन्होंने कहा कि जो लोग बच गए हैं, उनके घर बिखर गए हैं औऱ जो लोग पेट भरने के लिए भी संघर्ष करते हैं, ये नवीनीकरण का काम उनकी चोटों में और अधिक अपमान का इजाफा करेगा.


यामिन ने बताया चूंकि हॉस्पिटल्स पहले से ही अत्यधिक भरे हुए हैं, ऐसे में कम घायल लोगों को कहा गया है कि वो हॉस्पिटल्स में न जाएं. हालांकि उन्होंने बताया कि कई देशों से मदद मिल रही हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमेन्युअल मैक्रोन के दौरे से भी लोगों के दिल मे उम्मीदें जगी हैं.


यामिन के मुताबिक, लोगों को अपनी सरकार पर भरोसा नहीं है कि कैसे दूसरे देशों और फ्रांस (France) से मिलने वाली मदद का सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए. इस पर भी वो लोग नजर रखेंगे. यामिन ने लेबनानी लोगों के स्वयंसेवी कार्यों की भी तारीफ की कि कैसे वो सड़कों पर उतरकर मलवा आदि साफ करने में लगे हुए हैं.