World News in Hindi: पश्चिम अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के स्वास्थ्य विज्ञान अनुसंधान संस्थान में मेडिकल एंटोमोलॉजी और पैरासिटोलॉजी के प्रमुख अब्दुलाये डायबेट की खोज दुनिया को मलेरिया जैसी घातक बीमारी से निजात दिला सकती है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक डायबेट जिस नवीन तकनीक पर काम कम रहे वह संभावित रूप से मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों की प्रजातियों को मिटा सकती हैं. 


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वैज्ञानिक और प्रोफेसर अब्दुलाये डायबेट को उनके शोध के लिए साइेंस और इनोवेशन मैनेजमेंट प्रबंधन के लिए 2023 फॉलिंग वॉल्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस दौरान उनके काम को लेकर आयोजकों ने कहा कि '/टमलेरिया नियंत्रण के लिए आशा प्रदान करता है.  डायबेट को सितंबर में इस वर्ष के प्रतिष्ठित पुरस्कार के 10 वैश्विक विजेताओं में से एकमात्र अफ्रीकी के रूप में नामित किया गया था.


इसके अलावा फॉलिंग वॉल्स फाउंडेशन द्वारा भी 'मलेरिया के आनुवंशिक समाधान पर दुनिया के कुछ सबसे उन्नत कार्यों में योगदान देने' के लिए डायबेट को मान्यता दी गई. फ़ॉलिंग वॉल्स फ़ाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है जो क्रांतिकारी सोच को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है.


अफ्रीकी क्षेत्र में मृत्यु के मुख्य कारणों में से एक है मलेरिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डायबेट के देश में मलेरिया मृत्यु का एक प्रमुख कारण है. पश्चिम अफ्रीकी देश के 22 मिलियन निवासियों में से लगभग सभी, विशेषकर बच्चे, इस बीमारी के खतरे में हैं. अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ क्षेत्रीय कार्यालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में बुर्किना फासो में मलेरिया ने लगभग 19,000 लोगों की जान ले ली.


मलेरिया बीमारी व्यापक अफ्रीकी क्षेत्र में मृत्यु के मुख्य कारणों में से एक है. हालांकि पिछले कई वर्षों से मलेरिया नियंत्रण उपायों को अपनाने के कारण प्रभावित देशों में इसके फैलने और मौतों को कम करने में मदद मिली है लेकिन फिर भी,  डब्ल्यूएचओ ने अप्रैल में कहा था, 'मलेरिया से होने वाली मौतें अस्वीकार्य रूप से अधिक हैं, और 2015 के बाद से मामलों में वृद्धि जारी है.'


सीएनएऩ के मुताबिक WHO के अंतिम प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, मलेरिया ने 2021 में वैश्विक स्तर पर अनुमानित 619,000 लोगों की जान ले ली. स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि उनमें से लगभग 96% मौतें अफ़्रीका में हुईं. महाद्वीप पर हताहतों में से 80% प्रतिशत '5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे थे.'


'गेम चेंजर साबित हो सकता है'
डायबेट के अनुसार, 'हालांकि मच्छरदानियां शानदार काम कर रही हैं... अब हमारे पास मच्छरों की विभिन्न प्रजातियों में व्यापक कीटनाशक प्रतिरोध है, विशेष रूप से उनमें जो मलेरिया फैला रहे हैं. लेकिन मलेरिया नियंत्रण उपकरणों का आविष्कार ही इस बीमारी पर विजय पाने का एकमात्र तरीका है.' उन्होंने कहा कि वह आशावादी हैं कि मलेरिया के लिए उनका वेक्टर कंट्रोल टूल - (जिसे 'जीन ड्राइव तकनीक' कहा गया है) - शुरू होने पर 'गेम-चेंजर' साबित हो सकता है.


क्या है नई तकनीक?
मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छरों के काटने से फैलता है. नर मच्छर काटते नहीं हैं इसलिए मलेरिया फैलाने में असमर्थ होते हैं. जीन ड्राइव के साथ, बीमारी फैलाने वाली मादा मच्छर प्रजातियों को नई मादा संतान पैदा करने से रोका जा सकता है. ऐसा जीन-संपादित नरों के जरिए होगा जो कि नपुसंक होंगे.  डायबेट ने कहा इससे मादा मच्छरों की आबादी कम हो जाएगी और मलेरिया का फैलना रुक जाएगा.


डायबेट ने कहा, ‘जब (जीन-संपादित) मच्छरों को खेत में छोड़ा जाएगा... तो वे पूरी आबादी में फैल जाएंगे और मलेरिया संचरण को तुरंत रोक देंगे.’ उन्होंने कहा कि जीन ड्राइव एक अधिक टिकाऊ और बजट-अनुकूल मलेरिया नियंत्रण उपाय है.


डायबेट ने कहा, ‘आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छर आपके लिए काम करेंगे जबकि अन्य (मलेरिया नियंत्रण) उपायों में मनुष्य मच्छरों के पीछे एक स्थान से दूसरे स्थान तक दौड़ते हैं.’ उन्‍होंने कहा, ‘इस तकनीक के बारे में अच्छी बात यह है कि अगर यह उम्मीद के मुताबिक काम करती है, तो यह न केवल सस्ती होगी, बल्कि यह टिकाऊ भी होगी और इसे अफ्रीका के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में तैनात किया जा सकेगा. हमारा मानना है कि एक बार जब तकनीक तैयार जाएगी और हम इसे जारी  करेंगे और यह उम्मीद के मुताबिक काम करेगी तो यह गेम-चेंजर बन सकती है.’