कोलंबो: मालदीव के विपक्ष ने अब्दुल्ला यामीन की करारी हार के बाद भी उनके सत्ता से चिपके रहने के डर के बीच बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण सुनिश्चित करने में मदद की अपील की. संयुक्त विपक्ष ने हिन्द महासागर स्थित द्वीप देश में फिर से लोकतंत्र स्थापित करने में बाहरी मदद का आह्वान किया. चार राजनीतिक दलों के इस विपक्ष ने रविवार के मतदान में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को चुनाव मैदान में उतारा था.  सोलिह के बारे में पहले काफी कम सुना गया था. विपक्ष ने एक बयान में कहा, ‘‘इस संबंध में हम अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की ओर सहयोग के लिए आशा भरी नजर से देखते हैं क्योंकि हम एक ऐसा मालदीव तैयार करने की कोशिश में आगे बढ़ रहे हैं जहां सभी नागरिकों को शांति, समृद्धि और न्याय उपलब्ध हो. ’’


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वैसे विपक्ष ने यह नहीं कहा है कि उसे किस प्रकार की सहायता चाहिए, लेकिन विपक्षी सूत्रों ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय यामीन को चुपचाप सत्ता छोड़ देने की कड़ी चेतावनी दे. यामीन अपने सभी मुख्य प्रतिद्वंद्वियों के सलाखों के पीछे होने या निर्वासन में रहने, विपक्ष के बिरले ही मीडिया प्रचार में होने तथा मतदान में गड़बड़ी की आशंका के बावजूद बुरी तरह हार गये.


औपचारिक चुनाव परिणाम रविवार को घोषित किया जाएगा और अपनी हार स्वीकार कर चुके यामीन को 17 नवंबर को पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा होने पर सत्ता अपने उत्तराधिकारी सोलिह को सौंप देनी चाहिए. लेकिन सोशल मीडिया और अन्यत्र ऐसी अटकलें हैं कि यामीन चुनाव याचिका दायर कर नतीजे में देरी की दरख्वास्त कर सकते हैं.



इस पर सेना प्रमुख मेजर जनरल अहमद शियाम ने बुधवार की रात टीवी पर कहा कि परिणाम का सम्मान किया जाएगा. इस बीच, चुनाव आयोग के प्रमुख अहमद शरीफ ने इस बात की पुष्टि की कि यामीन की पार्टी ने मतदान में गड़बड़ी की आशंका करते हुए अनेक शिकायतें दर्ज करायी हैं और उन पर गौर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लेकिन उन्हें चुनाव परिणाम की औपचारिक घोषणा में विलम्ब का कोई आधार दिखाई नहीं देता है. 


इनपुट भाषा से भी