Heatwave: बर्फ की कीमत ब्रेड और दूध से ज्यादा! इस देश में गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
Mali Heatwave: भयंकर गर्मी में लंबे-लंबे बिजली कट ने लोगों की परेशानियों को और बड़ा दिया है. गर्मी के साथ ही महंगाई भी लोगों की कमर तोड़ रही है.
Mali Heatwave News: भारत में गर्मी का मौसम दस्तक दे चुका है. दुनिया के कई और देशों में भी गर्मी पड़ रही है. लेकिन अफ्रीका के माली में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक हालात इतने मुश्किल हैं देश के कुछ हिस्सों में अब बर्फ के टुकड़ों की कीमत रोटी और दूध से अधिक है.
राजधानी बमाको में 15 वर्षीय फातूमा यातारा कहती है, 'मैं बर्फ खरीदने आई हूं क्योंकि अभी बहुत गर्मी है.' तापमान 48C तक बढ़ गया है.
बिजली कटौती ने बढ़ाई लोगों की परेशानी
भयंकर गर्मी में लंबे-लंबे बिजली कट ने लोगों की परेशानियों को और बड़ा दिया है. फातूमा बताती हैं कि लंबे समय तक बिजली कटौती के कारण फ्रिज काम नहीं कर रहा है. वह खाने को प्रिजर्व रखने और हीटवेव के दौरान ठंडा रखने के लिए बर्फ के टुकड़ों का सहारा लेती है. हालांकि यह कुछ हद तक ही काम करता है.
महंगाई ने भी तोड़ा रिकॉर्ड
गर्मी के साथ ही महंगाई भी लोगों की कमर तोड़ रही है. फातूमा बताती हैं कि बर्फ के एक छोटे बैग की कीमत 300 से 500 फ्रैंक्स सीएफए तक पहुंच गई है. जबकि बमाको में ब्रेड की कीमत 250 सीएफए की होती है.
नाना कोनाते त्राओरे के लिए जीवन बहुत मुश्किल हो गया है. उन्हें अब सप्ताह में कुछ बार के बजाय हर दिन खाना बनाना पड़ता है. वह कहती हैं, 'अक्सर हम पूरा दिन बिना बिजली के गुज़ार देते हैं, इसलिए खाना ख़राब हो जाता है और उसे फेंकना पड़ता है.'
देश में बिजली की समस्या एक साल पहले शुरू हुई. करोड़ों डॉलर के कर्ज के बोझ तले दबी माली की राज्य बिजली कंपनी बढ़ती मांग को पूरा करने में विफल रही. ऐसे लोगों की संख्या बहुत है जिनके पास बैकअप जनरेटर नहीं हैं क्योंकि इसे चलाने के लिए ईंधन की जरुरत होती है जो कि बहुत महंगा है.
100 लोगों की मौत
बीबीस की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च के बाद से, माली के कुछ हिस्सों में तापमान 48C से ऊपर चला गया है. भयंकर गर्मी की वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। सबसे अधिक असुरक्षित बुजुर्ग और बच्चे हैं।
बमाको में यूनिवर्सिटी अस्पताल में काम करने वाले प्रोफ़ेसर याकूबा टोलोबा कहते हैं, 'हम एक दिन में लगभग 15 लोग अस्पताल में भर्ती होते देख रहे हैं. कई मरीज डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) के शिकार हैं जबकि कई खांसी और सांस से जुड़ी अन्य तकलीफ़ों का सामना करना पड़ रहा है.'
एहतियात के तौर पर कुछ इलाकों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और मुस्लिम बहुल देश में लोगों को हाल ही में खत्म हुए रमजान के दौरान रोजा न रखने की सलाह दी गई थी.