Russia-Ukraine War: पहले मिसाइलें... अब लैंडमाइंस, यूक्रेन की मदद के लिए इतने उतावले क्यों हैं बाइडेन, ट्रंप के आने पर क्या होगा?
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Russia-Ukraine War: पहले मिसाइलें... अब लैंडमाइंस, यूक्रेन की मदद के लिए इतने उतावले क्यों हैं बाइडेन, ट्रंप के आने पर क्या होगा?

Russia-Ukraine War Updates: अमेरिका ने यूक्रेन को एंटी-पर्सनल लैंडमाइंस भेजने का फैसला किया है, जो रूस के खिलाफ इस युद्ध में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है.

Russia-Ukraine War: पहले मिसाइलें... अब लैंडमाइंस, यूक्रेन की मदद के लिए इतने उतावले क्यों हैं बाइडेन, ट्रंप के आने पर क्या होगा?

Russia-Ukraine War Updates: अमेरिका ने यूक्रेन को एंटी-पर्सनल लैंडमाइंस भेजने का फैसला किया है, जो रूस के खिलाफ इस युद्ध में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है. इससे पहले वाशिंगटन ने यूक्रेन को रूस के भीतर लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी. बाइडेन प्रशासन की ये तेजी और बड़े फैसले कई सवाल खड़े कर रहे हैं. क्या यह कदम ट्रंप के सत्ता में लौटने से पहले यूक्रेन को निर्णायक बढ़त दिलाने की कोशिश है? आइये जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर बाइडेन प्रशासन की मंशा क्या है.

लैंडमाइंस भेजने का फैसला क्यों?

अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि रूस ने अपनी युद्ध रणनीति बदल दी है. अब मॉस्को मशीनी यूनिट्स की जगह पैदल सेना को प्राथमिकता दे रहा है. लैंडमाइंस के जरिए यूक्रेन को इस नई रणनीति का सामना करने में मदद मिलेगी.

बाइडेन की नीतियों में बदलाव

2022 में, बाइडेन ने अमेरिका में लैंडमाइंस के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. लेकिन अब इस प्रतिबंध को हटाकर कीव की मदद के लिए लैंडमाइंस भेजी जा रही हैं. इस कदम की मानवाधिकार संगठनों ने आलोचना की है, लेकिन अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि यह युद्ध में एक जरूरी कदम है.

यूक्रेन को मिली लंबी दूरी की मिसाइलें

कुछ दिनों पहले ही बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए लंबी दूरी की एटीएसीएमएस मिसाइलों का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी. इन मिसाइलों की 300 किमी तक मारक क्षमता है और यूक्रेन ने हाल ही में इन्हें रूसी क्षेत्रों पर दागा है.

ट्रंप की वापसी और आशंकाएं

डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के लिए अमेरिकी मदद की हमेशा आलोचना की है. उनका दावा है कि वे सत्ता में लौटने पर कुछ ही घंटों में युद्ध विराम करवा सकते हैं. उनके इस बयान से कीव और यूरोप में चिंता बढ़ गई है कि ट्रंप के आने पर यूक्रेन को अमेरिकी समर्थन सीमित हो सकता है.

बारूदी सुरंगों की खासियत

अमेरिका ने यूक्रेन को "गैर-स्थायी" लैंडमाइंस देने का फैसला किया है. ये माइंस दो हफ्तों के भीतर निष्क्रिय हो जाती हैं, जिससे नागरिकों के लिए जोखिम कम होता है. विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि ये माइंस आधुनिक और सुरक्षित डिजाइन की गई हैं.

रूस और कीव के बीच तेजी से बढ़ता संघर्ष

रूस और यूक्रेन दोनों ही जनवरी में ट्रंप के संभावित पदभार ग्रहण से पहले युद्ध में निर्णायक बढ़त हासिल करना चाहते हैं. दोनों देशों के बीच संघर्ष और तेज हो गया है, और हर दिन नई रणनीतियां अपनाई जा रही हैं.

पुतिन का परमाणु पाबंदियों में बदलाव

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर लगी पाबंदियों में ढील देने का आदेश दिया है. यह कदम रूस की युद्ध नीति में एक बड़े बदलाव का संकेत देता है, जो स्थिति को और खतरनाक बना सकता है.

मानवाधिकार और युद्ध की त्रासदी

लैंडमाइंस का इस्तेमाल भले ही यूक्रेन को सामरिक बढ़त दिला सकता है, लेकिन इसका मानवीय पहलू बेहद चिंताजनक है. वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा इस्तेमाल की गई बारूदी सुरंगों से लाओस जैसे देशों में आज भी लोग प्रभावित हो रहे हैं.

आगे क्या होगा?

बाइडेन प्रशासन यूक्रेन को हर संभव मदद देकर रूस को पीछे धकेलने की कोशिश में है. लेकिन अगर ट्रंप सत्ता में लौटते हैं, तो अमेरिकी नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यूक्रेन इस समय को कैसे उपयोग करता है और युद्ध की दिशा किस ओर जाती है.

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