मंगल की वायुमंडलीय क्षति का कारण पता चला
नासा के सबसे नये ‘मार्स आर्बीटर’ की शुरुआती खोजों में समय के साथ अंतरिक्ष की ओर मंगल ग्रह की वायुमंडलीय क्षति से जुड़ी कुछ बातों का पता चला है।
वाशिंगटन : नासा के सबसे नये ‘मार्स आर्बीटर’ की शुरुआती खोजों में समय के साथ अंतरिक्ष की ओर मंगल ग्रह की वायुमंडलीय क्षति से जुड़ी कुछ बातों का पता चला है।
ये निष्कर्ष नासा के ‘मार्स एटमोस्फीयर एंड वालेटाइल इवाल्यूशन’ (मावेन) मिशन से मिलीं शुरूआती जानकारियां हैं। इस मिशन ने 16 नवंबर को अपने विज्ञान चरण में प्रवेश किया था। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि निष्कषरें पर गौर करने पर एक नई प्रक्रिया पता चलती है जिसके द्वारा सौर पवन किसी ग्रह के वायुमंडल में अंदर तक घुस सकती है। इसमें मंगल के उपरी वायुमंडल और आयनमंडल की संरचना की पहली विस्तृत मापतौल शामिल है। नतीजे आयनों का अभूतपूर्व नजरिया भी पेश करते हैं जब वे उर्जा प्राप्त करके वायुमंडल से बाहर चले जाते हैं।
कोलोराडो विश्वविद्यालय में वायुमंडलीय एवं अंतरिक्ष भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला से जुड़े और मावेन के प्रधान जांचकर्ता ब्रूस जैकोस्की ने कहा, हम एक सीरीज में संबंध देखना शुरू कर रहे हैं जो उपरी वायुमंडल में गैस पर काम करने वाली सौर संचालित प्रक्रियाओं के साथ शुरू होती है जिससे वायुमंडलीय क्षति होती है। उन्होंने कहा कि पूरे मिशन के दौरान, हम इस प्रक्रिया को पूरी तरह से समझ पाएंगे और उन प्रक्रियाओं को जानेंगे जिससे समय के साथ वायुमंडल में बदलाव आया है।