नई दिल्‍ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) वैक्सीन विकसित करने वाले फ्रंट रनर्स में से एक मॉडर्न इंक ने पुष्टि की है कि वे जुलाई में अपने टीकों का मानव परीक्षण शुरू करेगी. वह  परीक्षण के अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें: खुद तो तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान, पाई-पाई को मोहताज; पर करना चाहता है भारत की 'मदद'


कंपनी 30,000 स्वयंसेवकों (volunteers) पर इस बहुप्रतीक्षित टीके (Vaccine) का परीक्षण करेगी.


कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स बेस्‍ड बायोटेक के अनुसार, उनके अध्ययन का मुख्य लक्ष्य रोगसूचक कोरोना वायरस को रोकने का होगा जो कि COVID-19 के कारण होने वाली बीमारी है. वहीं उनका दूसरा लक्ष्य लोगों को अस्पताल से बाहर रखने के लिए इस गंभीर बीमारी की रोकथाम करना होगा.


लेट-स्‍टेज स्‍टडी के लिए और इम्‍यून रिस्‍पांस को अधिकतम करने और प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं को कम करने के लिए कंपनी ने 100-माइक्रोग्राम डोज का चयन किया है. इस डोज यानि खुराक के स्तर के आधार पर, कंपनी का लक्ष्य प्रति वर्ष 500 मिलियन खुराक बनाना और संभवतः 2021 की शुरुआत से 1 बिलियन तक पहुंचना है. कंपनी स्विस दवा निर्माता लोन्जा के साथ रणनीतिक सहयोग में काम कर रही है.


Moderna Inc के शेयरों में 6 प्रतिशत का उछाल आया है. कंपनी ने कहा है कि उसने फेज 3 के परीक्षण के लिए पर्याप्त खुराक का निर्माण पूरा कर लिया है.


बता दें कि इस वक्‍त दुनिया भर में लगभग 100 टीके विकसित किए जा रहे हैं. वायरस को डिक्रिप्ट करने में सबसे आगे जो कंपनियां हैं, उनमें एस्ट्राजेनेका, फाइजर, बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन, मर्क, मॉडर्न, सनोफी और चीन के कैन्सिनो बायोलॉजिक्स शामिल हैं.


जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस ने वैश्विक स्तर पर 7.2 मिलियन से अधिक लोगों को संक्रमित किया है. 


ये भी देखें..