वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) को लेकर हाल ही के दिनों में कई खबरें आईं हैं. लेकिन पाक पीएम (Pak PM) को शायद अपने देश के हालात नजर नहीं आ रहे हैं.
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नई दिल्ली: वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) को लेकर हाल ही के दिनों में कई खबरें आईं हैं. लेकिन पाक पीएम (Pak PM) को शायद अपने देश के हालात नजर नहीं आ रहे हैं. बल्कि वे तो दूसरों को आर्थिक मदद देने की बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए गुरुवार को ट्वीट किया और कहा कि भारत (India) पर कोविड-19 (Covid-19) संकट के कारण खासा आर्थिक असर आया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि 84% भारतीय परिवारों की मासिक आय में कमी आई.
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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने ट्विटर (Twitter) पर यह भी कहा कि भारत भर में 34 प्रतिशत परिवार COVID-19 लॉकडाउन के चलते आय में आई कमी के कारण अतिरिक्त सहायता के बिना एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह पाएंगे.
Acc to this report, 34% of households across India will not be able to survive for more than a week without add assistance. I am ready to offer help & share our successful cash transfer prog, lauded internationally for its reach & transparency, with India.https://t.co/CcvUf6wERM
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) June 11, 2020
इमरान ने अपने ट्वीट में जिस रिपोर्ट का हवाला दिया है वह सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के डेटा पर आधारित थी, जिसे पीएम मोदी द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को किकस्टार्ट करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज की घोषणा करने के एक दिन पहले 12 मई को प्रकाशित किया गया था.
रिपोर्ट्स कहती हैं कि दिसंबर 2019 तक, पाकिस्तान के सार्वजनिक ऋण का अनुमान $40.9 ट्रिलियन डॉलर था, जो देश की जीडीपी (GDP) का 14.1 प्रतिशत है. सरकार के पास घरेलू लेनदारों के लिए 18.17 ट्रिलियन रुपये हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए लगभग 1.378 ट्रिलियन रुपये हैं.
वहीं पाकिस्तान में अब तक कोविड -19 पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 1,19,536 हो गई है और देश भर में इस वायरस से मरने वालों संख्या बढ़कर 2,356 हो गई है.
इतना ही नहीं खान को लॉकडाउन प्रतिबंधों को आसान बनाने के लिए मेडिकल पेशेवरों और विपक्षी नेताओं की आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है. खान ने कहा है कि पाकिस्तान की बीमार अर्थव्यवस्था ढह जाएगी और देश के 220 मिलियन यानि कि 20.2 करोड़ लोगों में से गरीबों को लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा नुकसान होगा.