Mohammad Muizzu latest statement on India: मालदीव में इंडिया आउट का नारा देकर सत्ता में आए राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू को लगता है कि सत्य का ज्ञान हो गया है. इसके साथ ही उन्हें भारत के तेजी से बढ़ रही ताकत का भी भान हो गया है, तभी तो महज एक साल में ही उनके सुर एकदम बदले हुए दिखते हैं. अब वे भारत की आलोचना नहीं कर रहे बल्कि उससे पींगे बढ़ाकर बिगड़े संबंधों को सुधारने की कवायद में लगे हैं.  


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इंडिया आउट के नारे से मोइज्जू की तौबा!


संयुक्त राष्ट्र संघ के 79वें सम्मेलन में शामिल होने के लिए न्यूयार्क पहुंचे मोइज्जू के ये बदले सुर वहां भी दिखाई दिए. प्रिंसटन विश्वविद्यालय के कार्यक्रम ‘डीन्स लीडरशिप सीरीज’ में एक सवाल के जवाब में मोइज्जू ने अपने देश में ‘भारत को बाहर करने’ (इंडिया आउट) के किसी भी एजेंडे से इनकार किया. उन्होंने कहा कि विदेशी सेना की उपस्थिति उनके द्वीपीय देश के लिए एक गंभीर समस्या थी. 


मालदीव के समाचार पोर्टल ‘अधाधू डॉट कॉम’ ने उनके हवाले से कहा, ‘हम किसी भी समय, किसी भी देश के खिलाफ कभी नहीं रहे. यह भारत को बाहर करना (इंडिया आउट) नहीं है. मालदीव के लोगों को अपने देश में विदेशी सेना की उपस्थिति से एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा था. मालदीव के लोग नहीं चाहते कि एक भी विदेशी सैनिक देश में रहे.’ 


'पीएम मोदी का अपमान करने वालों पर मैंने कार्रवाई की'


मालदीव के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपमान करने के लिए उपमंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की थी. खबर में उनके हवाले से कहा गया है, ‘किसी को भी ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए. मैंने इसके खिलाफ कार्रवाई की है. मैं किसी का भी इस तरह अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा, चाहे वह नेता हो या कोई आम व्यक्ति. हर इंसान की अपनी प्रतिष्ठा होती है.’


भारत और मालदीव के बीच संबंध पिछले साल नवंबर से ही तनावपूर्ण हो गए थे, जब चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू ने मालदीव के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था. मुइज्जू ने भारत से कहा था कि वह देश द्वारा उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे लगभग 90 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुला ले. 


पीएम मोदी का एक दांव और चित्त हो गया मालदीव


मोइज्जू के इस अल्टीमेटम के बाद भारत ने पहले उन्हें समझाने की कोशिश की कि ये सैन्यकर्मी वहां पर उपहार में दिए गए विमानों को उड़ाने और मेनटिनेंस के लिए हैं लेकिन जब वे नहीं माने तो 10 मई तक अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला लिया. इसके बाद उनकी जगह डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टरों को संचालित करने के लिए असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया.


मालदीव के इस रुख के बाद पीएम मोदी 2 और 3 जनवरी को दो दिवसीय दौरे पर लक्षद्वीप पहुंचे और वहां पर कई ढांचागत परियोजना की शुरुआत की. उन्होंने इस यात्रा से जुड़े फोटोज भी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किए. इसे देखने के बाद मोइज्जू के 2 उपमंत्री बौखला गए और उन्होंने अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पीएम मोदी की आलोचना की. उनकी राय में, यह केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का एक प्रयास था. 


भारत के संकेतों को संकेतों को समझ गए मोइज्जू


नई दिल्ली ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए माले के सामने जोरदार ढंग से उठाया था. जिसके बाद मोइज्जू सरकार की हेकड़ी ढीली पड़ गई और अपमानजनक पोस्ट करने वाले दोनों उपमंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया. इसके बाद पीएम मोदी ने जून में अपने शपथ ग्रहण समारोह में मोइज्जू समेत कई पड़ोसी देशों को भारत बुलाया. 


राष्ट्रपति भवन में दिए गए भोज ने पीएम मोदी और मोइज्जू की कुर्सी एकदम पास में थी. भारत के संकेतों को मोइज्जू भी आखिरकार समझ गए कि बैर किया तो उसके हिस्से में केवल नुकसान ही आएगा, जबकि दोस्ती रखने पर वह बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं. इसके बाद से मोइज्जू भी अब बदले- बदले नजर आ रहे हैं.


(एजेंसी भाषा)