इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक एहतिसाब (जवाबदेही) अदालत ने पनामा पेपर्स कांड से जुड़े भ्रष्टाचार के तीन मामलों में से एक में अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 10 साल की कैद की सजा शुक्रवार को सुनाई. लंदन में पॉश एवेनफील्ड हाउस में चार फ्लैटों के स्वामित्व से जुड़े एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में चार बार स्थगित करने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया. इस मामले में रोचक तथ्य यह है कि इन्हीं चार फ्लैट के कारण शरीफ के परिवार को सजा सुनाई गई और इन्ही में बैठकर टीवी में फैसला देखा. उनके साथ पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार भी मौजूद रहे.


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अभी 68 वर्षीय शरीफ लंदन में हैं जहां उनकी पत्नी कुलसूम नवाज के गले के कैंसर का इलाज चल रहा है. एहतिसाब अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने बंद कमरे में फैसला सुनाया. फैसले में एवेनफील्ड संपत्ति मामले में अपदस्थ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई जबकि उनकी बेटी मरयम को सात साल की कैद की सजा सुनाई गई है. फैसले में शरीफ के दामाद कैप्टन (अवकाशप्राप्त) सफदर को एक साल की सजा सुनाई गई है. 


अदालत के 100 पन्ने के फैसले में शरीफ पर एक करोड़ डालर का जुर्माना लगाया गया है जबकि उनकी बेटी मरयम पर 26 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया गया है.  शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ यह फैसला 25 जुलाई के आम चुनाव के कुछ ही हफ्ते पहले आया है.  


प्रशासन ने फेडरल ज्यूडिशियल अकेडमी परिसर में और उसके इर्दगिर्द बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया था जहां यह अदालत स्थित है। उससे जुड़ी सभी सड़कों पर यातायात बंद कर दिया गया था. शरीफ, मरयम और सफदर के साथ ही अपदस्थ प्रधानमंत्री के दो बेटे - हसन और हुसैन - भी इस मामले में वांछित हैं. उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया है.