Success Story in Hindi: हर सफल UPSC उम्मीदवार के पीछे एक प्रेरणा होती है, जो ड्राइविंग फोर्स की तरह काम करती है. यहां हम कश्मीर की पहली महिला आईएएस अधिकारी की कहानी लेकर आए हैं, जिन्होंने दो बार सिविल सेवा परीक्षा पास की. आइये आपकी मुलाकात डॉ. रुवेदा सलाम से करते हैं, जिन्होंने ये इतिहास रचा.
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Ruveda Salam Success Story: इतिहास ऐसे ही नहीं रचे जाते, उसके लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरूरत होती है. रुवेदा सलाम ने कुछ ऐसा ही किया और अब उन्होंने इतिहास रच दिया है. सलाम जम्मू और कश्मीर की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं. आतंकवाद प्रभावित कुपवाड़ा जिले से ताल्लुक रखने वाली रुवेदा सलाम ने साल 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की. चेन्नई में सहायक पुलिस आयुक्त के रूप में एक साल बिताने के बाद, उन्होंने साल 2015 में एक बार फिर यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा किया.
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कश्मीर की वादियां जितनी खूबसूरत हैं, वहां की परिस्थितियां उतनी ही उल्झी हुई हैं. यहां काम करना आसान नहीं है. और राजनीतिक उथल-पुथल, हड़तालें, कर्फ्यू और बार-बार पत्थरबाजी की घटनाएं यहां आम बात हैं. इस बीच व्यवस्था को बनाए रखना कानून के रखवालों के लिए और भी मुश्किल हो जाता है. रुवेदा हर दिन इन चुनौतियों का सामना करती हैं.
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रुवेदा ने फॉर्मल कोचिंग के बिना ही यूपीएससी परीक्षा दो बार पस की. यहां तक कि उन्हें अखबार और स्टडी मटीरियल भी मुश्किल से ही मिलता था. लेकिन सपने को पूरा कर दिखाने की जिद ने उन्हें आखिरकार IAS अधिकारी बना ही दिया.
रुवेदा के पिता ने उन्हें बहुत प्रभावित किया और उन्हें आईएएस ऑफिसर (How to become IAS officer) बनने का सपना दिखाया. रुवेदा जल्दी शादी नहीं करना चाहती थीं और इस फैसले में उनकी मां ने उनका साथ दिया. रुवेदा की मां चाहती थीं कि वह पूरी तरह अपने सपनों को पूरा करने पर फोकस करें.
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बेटर इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार रुवेदा ने साल 2009 में सरकारी मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर से मेडिकल की डिग्री लेकर काम शुरू किया. जब वो इटर्न के तौर पर काम कर रही थी, तभी उन्होंने जम्मू कश्मीर लोक सेवा आयोग की परीक्षा (J&K Public Service Commission examination) के लिए फॉर्म भर दिया था.