चीन के इशारे पर चल रहा Nepal? भारत को नाराज कर नोट पर विवादित मैप छापने जा रहा: रिपोर्ट
Nepal New Map Controversy: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मई में ही साफ कह दिया था कि नेपाल के एकतरफा कदम से ग्राउंड रिएलिटी नहीं बदलने वाली. फिर भी पड़ोसी मुल्क 100 रुपये के नए नोट प्रिंट करने जा रहा है और इसमें विवादित लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना हिस्सा दिखाएगा.
भारत की साफ तौर पर आपत्ति के बावजूद नेपाल ने विवादित मैप पर अपना रुख नहीं बदला. अब वह शायद चीन के इशारे पर एक और कदम बढ़ाने जा रहा है जो भारत को और नाराज कर सकता है. नेपाल का केंद्रीय बैंक एक साल के भीतर संशोधित मानचित्र वाले नए बैंक नोट छापने की तैयारी कर रहा है. जी हां, इसमें भारत के साथ विवादित क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा.
मीडिया में मंगलवार को प्रकाशित एक खबर में यह जानकारी दी गई. ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘नेपालखबर डॉट कॉम’ ने नेपाल राष्ट्र बैंक के संयुक्त प्रवक्ता दिल्लिराम पोखरेल के हवाले से बताया कि नेपाल राष्ट्र बैंक ने नए मानचित्र के साथ बैंक नोटों की छपाई की प्रक्रिया पहले ही आगे बढ़ा दी है, जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को शामिल किया गया है.
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पोखरेल ने कहा कि बैंक ने नए नोटों की छपाई की प्रक्रिया पहले ही आगे बढ़ा दी है और यह छह महीने से एक साल में पूरी हो जाएगी. हालांकि, जब समाचार पोर्टल की खबर पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो बैंक के प्रवक्ता टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हुए. तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में नेपाल के मंत्रिमंडल ने 3 मई को संशोधित मानचित्र को शामिल करते हुए नए बैंक नोट छापने का निर्णय लिया था, जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया. भारत बार-बार स्पष्ट कर चुका है कि लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा उसके क्षेत्र हैं.
भारत-नेपाल बढ़ सकता है तनाव
नेपाल का यह कदम भारत को फिर से नाराज कर सकता है. इसी साल मई में जब नेपाल ने नए NPR100 करंसी नोट प्रिंट करने का फैसला किया था तो भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. उस समय बताया गया था कि सरकार ने नेपाली 100 रुपये के नोट पर पुराने मैप को हटाकर नया मैप प्रिंट करने का फैसला किया है. इससे पहले जून 2020 में नेपाल ने देश का पॉलिटिकल मैप अपडेट करते हुए भारत के तीन इलाकों को अपने में दिखाया था. संविधान में संशोधन भी किया गया. हालांकि भारत ने साफ तौर पर इसे एकतरफा कदम कहते हुए खारिज कर दिया. (भाषा इनपुट के साथ)
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