काठमांडू: नेपाल (Nepal) के पीएम केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) बेशक चीन को अपने देश का भरोसेमंद दोस्त करार देते हों और उसकी शान में कसीदे पढ़ते हों. लेकिन चीन की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर वे भी भरोसा नहीं करते हैं. 


केपी ओली ने पत्नी के साथ मिलकर लगवाया टीका


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नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) और उनकी पत्नी राधिका शाक्य ने रविवार की सुबह त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में जाकर ‘कोविशील्ड’ (Covishield) का टीका लगवाया. इस कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने मिलकर विकसित किया है. भारत का सीरम इंस्टीट्यूट इस कोरोना टीके का उत्पादन कर रहा है. 


 



ओली के मंत्रियों ने भी भारतीय वैक्सीन लगवाई


‘कोविशील्ड’ का टीका लगवाने के बाद केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने इसे लोगों के लिए सुरक्षित करार दिया. उन्होंने देश के 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों से आग्रह किया कि वे भी इस टीके को लगवाने के लिए आगे आएं. उन्होंने कहा कि यह टीका सुरक्षित है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है. उनके साथ ही नेपाल (Nepal) के वित्त मंत्री विष्णु पौडेल, स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी और विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने भी ‘कोविशील्ड’ (Covishield) का टीका लगवाया.


दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है भारत


बता दें कि भारत कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का निर्माण करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. फिलहाल पुणे के सीरम इंस्टिटयूट और हैदराबाद के भारत बायोटेक में कोरोना वैक्सीन का निर्माण हो रहा है. इन दोनों कंपनियों में तैयार टीकों की कीमत दुनिया में सबसे कम और असर बेहतरीन है. यही वजह है कि ब्रिटेन जैसे देश ने भी भारत को कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है. 


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मित्र देशों को फ्री में वैक्सीन दे रहा है भारत


भारत कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का निर्यात करने के साथ ही विकासशील और निर्धन देशों को उसकी निशुल्क आपूर्ति भी कर रहा है. इसके लिए भारत ने 'वैक्सीन मैत्री' नाम का अभियान शुरू किया है. इसके तहत विदेश मंत्रालय मित्र देशों को कोरोना वैक्सीन की फ्री सप्लाई कर रहा है. नेपाल (Nepal) को भी भारत ने कोरोना वैक्सीन के 10 लाख टीके निशुल्क उपहार दिए हैं. चीन ने भी नेपाल को 5 लाख टीके भेजे हैं लेकिन उनकी क्षमता पर नेपाल में शक जताया जा रहा है. इसलिए पीएम ओली और उनके मंत्रियों ने चीन के बजाय भारतीय टीकों को लगवाना उचित समझा.


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