यरूशलम: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बुधवार आधी रात की समय सीमा से पूर्व गठबंधन सरकार बनाने में नाकाम रहने के बाद इजराइली सांसदों ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए गुरुवार को संसद भंग करने के पक्ष में मतदान किया. अब 17 सितंबर को फिर से आम चुनाव कराए जाएंगे. इजराइली सांसद करीब छह सप्ताह पहले ही निर्वाचित हुए थे. उन्होंने 21वीं नेसेट (इजराइली संसद) को भंग करने और इसी कैलेंडर वर्ष में दूसरी बार आम चुनाव कराने के पक्ष में 45 के मुकाबले 74 मतों से प्रस्ताव पारित किया.


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नेतन्याहू ने नौ अप्रैल को हुए चुनाव में रिकॉर्ड पांचवीं बार उल्लेखनीय जीत हासिल की थी, लेकिन यह जीत अस्थायी साबित हुई क्योंकि वह अति धर्मनिष्ठ यहूदी शिक्षण संस्थानों के छात्रों को सेना में अनिवार्य भर्ती से छूट देने संबंधी एक सैन्य विधेयक को लेकर गतिरोध को तोड़ने में नाकाम रहे.



उनके और इजराइल के पूर्व रक्षा मंत्री अविग्दोर लीबरमैन के बीच विधेयक को लेकर मतभेद के कारण गठबंधन नहीं हो सका. राष्ट्रवादी दल 'यिजराइल बेतेन्यू’ पार्टी से संबंध रखने वाले लिबरमैन ने अति-धर्मनिष्ठ यहूदी दलों के साथ आने के लिए यह शर्त रखी थी कि उन्हें अनिवार्य सैन्य सेवा में छूट देने के अपने मसौदे में परिवर्तन करने होंगे.


मतदान से पहले लिबरमैन ने कहा कि इजराइल में इसलिए चुनाव कराने होंगे क्योंकि सत्तारूढ पार्टी लिकुड ने अति धर्मनिष्ठ यहूदी दलों के आगे पूर्ण आत्मसमर्पण कर दिया. 'यिजराइल बेतेन्यू’ के बिना नेतन्याहू 120 सदस्यीय सदन में केवल 60 सांसदों का समर्थन ही हासिल कर सके और केवल एक मत से बहुमत साबित करने से चूक गए.


संसद भंग करने के फैसले के बाद नेतन्याहू ने कहा, ‘‘अविग्दर लिबरमैन अब वाम का हिस्सा हैं.  उन्होंने दक्षिणपंथी सरकार को गिरा दिया.  उन पर दोबारा भरोसा नहीं करें.  इसके बारे में मैं आपको कल जानकारी दूंगा.  संभव है कि मैं आपको ऐसी बात बताऊं जो आपको पता ही न हो. ’’