दुबई: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रहने वाले गैर मुस्लिमों को अब शादी, तलाक और संतान की मिल-जुलकर देखभाल का अधिकार मिल गया है. नए कानून के मुताबिक वहां रह रहे गैर मुस्लिमों को ये अधिकार मिले हैं. यूएई मुस्लिम कंट्री है और वहां इस्लामी कानून लागू हैं. यूएई के अंतर्गत आने वाले सभी सात अमीरात में भारतीयों की अच्छी खासी आबादी रहती है, इसलिए इस नए कानून से बड़ी संख्या में भारतीय भी लाभान्वित होंगे.


क्या है नया कानून?


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नया कानून अबूधाबी के शेख खलीफा बिन जाएद अल-नाह्यान के आदेश पर लागू हुआ है. यूएई की सरकारी न्यूज एजेंसी डब्ल्यूएएम द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक नया कानून शादी, तलाक, तलाक के बाद गुजारे के लिए मिलने वाली धनराशि, संतान की मिल-जुलकर देखभाल, पितृत्व और विरासत के मामलों पर लागू होगा. अभी तक देश में इस्लामी शरिया नियमों के तहत ही शादी और तलाक होते थे. मुस्लिमों के लिए शरिया नियम अभी भी लागू हैं लेकिन गैर मुस्लिमों के लिए नया कानून बना है.


क्यों किया गया ये बदलाव?


नया कानून बनाने का उद्देश्य उदार व्यवस्था बनाकर कुशल पेशेवरों और प्रतिभाओं को यूएई में काम करने के लिए आकर्षित करना है. यूएई के अंतर्गत आने वाले अबूधाबी, दुबई और शारजाह को दुनिया में अहम व्यापारिक केंद्रों के रूप में जाना जाता है. डब्ल्यूएएम के मुताबिक गैर मुस्लिमों के कानून में इस तरह का प्रवधान दुनिया में पहली बार हुआ है. इसके जरिये शासन ने अपनी उदार और सबको साथ लेकर चलने की मंशा जाहिर की है.


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स्पेशल कोर्ट में होगी सुनवाई


नए कानून के अनुसार मामलों की सुनवाई करने के लिए एक अदालत अबूधाबी में गठित की जाएगी. इस अदालत में अंग्रेजी और अरबी भाषा में काम होगा. 2020 में भी यूएई ने अपने कई कानूनों में बदलाव कर गैर वैवाहिक संबंधों और शराब पीने के मामलों में राहत दी. शासन ने लंबे समय का वीजा देने और लंबे समय के लिए रिहायश की सुविधा देने का भी प्रवधान किया है. विदेशी निवेश और पर्यटन की गतिविधियों को भी आकर्षित किया गया है.


(INPUT: Reuters)


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