आपने कभी पड़ोसी के घर में ताका झाकी की है. कभी छत से दूसरे के आंगन में देखा है. बालकनी में तो खड़े होकर मौज तो ली ही होगी. अच्छा कभी ना कभी घर की खिड़की से तो झांके ही होंगे. आप कहेंगे क्या अजीब बात कर रहे हैं? दरअसल बात अजीब तो है लेकिन अपने देश की नहीं है, क्योंकि ऊपर वाले का शुक्रिया अदा कीजिए कि आप अफगानिस्तान में नहीं है, आइए बताते हैं क्यों?


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तालिबान के चंगुल में फंसे अफगानिस्तान के घरों पर खिड़कियां नहीं होंगी. बालकनियां तोड़ी जाएंगी और घरों के नाम पर होंगी तो सिर्फ छत को संभालने वाली दीवारें. जी हां खुद को सरकार का दर्जा देकर अफगानिस्तना की हुकूमत हांक रहे तालिबान ने ये फरमान इसलिए जारी किया है ताकि महिलाएं बाहर ना झांक सकें और और ना घर में मौजूद महिलाओं को कई देख सके. 


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नेटिजंस बोले ये शर्मनाक


तालिबान के इस फैसले के पीछे का तर्क बेहद हैरान करने वाला और शर्मनाक है.  तालिबानी सरकार ने तर्क देते हुए कहा कि  महिलाओं को रसोई में, आंगन में या पानी भरते हुए देखना अश्लील हरकतों को जन्म दे सकता है. जिसके कारण यह फैसला लिया गया है. 


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सेना नहीं नगरपालिका करेगी निगरानी


अब अफगानिस्तान के उन सभी आवासीय इमारतों की खिड़कियां नहीं खुलेंगी. जिनसे कुछ भी बाहर का नजर आए और इसके लिए नगरपालिका अधिकारियों को घरों की निगरानी करने और जरूरी बदलावों के लिए कहा गया है. अब अफगानिस्तान के आम लोगों में तो जान का भय है, इसलिए वो चुप हैं. लेकिन तालिबान का ये फैसला नेटिजंस का आक्रोश भड़का रहा है. लोग दबी जुबान से इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं.