सियोल: आपसी संबंधों में कोई मिठास नहीं होने के बावजूद उत्तर कोरिया (North Korea) और दक्षिण कोरिया (South Korea) साथ मिलकर 2032 ओलंपिक की मेजबानी करना चाहते हैं. इससे जुड़ा एक बड़ा बयान उस समय आया जब दक्षिण कोरिया ने कहा कि उसने 2032 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (Summer Olympics) और पैरालंपिक खेलों (Paralympic Games) की सह-मेजबानी के लिए उत्तर कोरियाई राजधानी प्योंगयांग के साथ ज्वाइंट क्लेम किया है.


ऐसे शुरू हुई ज्वाइंट बोली की शुरुआत


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बता दें कि साल 2018 के आखिर में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन (Moon Jae In) और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने एक शिखर सम्मेलन के दौरान ज्वाइंट ओलंपिक बोली की दिशा में काम करने पर सहमति जताई थी. लेकिन जल्द ही दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई और यह लगने लगा था कि ज्वाइंट बोली नहीं लगेगी.


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ये देश कर सकता है ओलंपिक 2032 की मेजबानी


हालांकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमिटी (International Olympic Committee) कथित तौर पर खेलों के इस महाकुंभ की मेजबानी ऑस्ट्रेलियाई शहर ब्रिस्बेन को देने की इच्छुक है लेकिन इसके बावजूद सियोल की मेट्रोपॉलिटन सरकार ने प्योंगयांग के साथ अपनी ज्वाइंट बोली के बारे में आईओसी (IOC) को बताया.


दक्षिण कोरिया की तरफ से कहा गया है कि आईओसी (IOC) ने ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन को 2032 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (Summer Olympics) के लिए पसंदीदा होस्ट के रूप में 25 फरवरी को घोषित किया था. दक्षिण कोरियाई सरकार और सियोल शहर ने तुरंत फैसले पर खेद जताया और आईओसी के साथ चर्चा की, जिससे साथ मिलकर ओलंपिक और शीतकालीन ओलंपिक (Winter Olympics) की सह-मेजबानी की दावेदारी का रास्ता साफ हुआ.


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समाचार एजेंसी ने बताया कि सियोल ने गुरुवार को आईओसी को संयुक्त रूप से 2032 ओलंपिक की मेजबानी के लिए प्योंगयांग के साथ ज्वाइंट बोली प्रस्ताव भेजा था.


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