Israel-Hezbollah Tensions: हिजबुल्लाह महासचिव हसन नसरल्लाह ने शुक्रवार को कसम खाई कि हमास डिप्टी चीफ नेता सालेह अल अरौरी की हत्या को बख्शा नहीं जाएगा.  बता दें सालेह अल-अरौरी की मंगलवार रात को बेरूत में कथित इजरायली ड्रोन हमले में मौत हो गई  थी. हालांकि इजरायल ने पुष्टि नहीं की है कि वह इस हमले के लिए जिम्मेदार था.


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चुप रहना अधिक नुकसादेह होगा
नसरल्लाह ने एक टेलीविजन संबोधन में चेतावनी दी कि उनका आंदोलन हमास नेता की कथित इजरायली हत्या को ‘स्वीकार नहीं कर सकता’. उन्होंने कहा, ‘चुप रहना प्रतिक्रिया देने से होने वाले किसी भी जोखिम से अधिक नुकसानदेह होगा.’


नसरल्लाह कहा कि हिजबुल्लाह ऐसे गंभीर उल्लंघन के बारे में चुप नहीं रह सकता क्योंकि इसका मतलब पूरे लेबनान, शहर और हस्तियों को खतरे में डालना होगा।


हिजबुल्लाह – [अपने सहयोगी हमास की तरह] - को इजरायल, ब्रिटेन और अन्य द्वारा एक आतंकवादी संगठन माना जाता है। यह लेबनान की सबसे बड़ी राजनीतिक और सैन्य शक्ति है और देश की सरकार में इसके मंत्री हैं.


अरौरी पर अमेरिका ने रखा था 5 मिलियन डॉलर का इनाम
अरौरी हमास के पोलित ब्यूरो का उप प्रमुख और इसकी सैन्य शाखा, कासिम ब्रिगेड का संस्थापक था. अमेरिका, जो हमास को एक आतंकवादी समूह कहता है, ने पिछले साल अरौरी के बारे में जानकारी देने वाले को $5 मिलियन की पेशकश की थी.


अरौरी की हत्या के द हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह ने मंगलवार को कहा कि अरौरी की हत्या 'आतंकवादी कृत्य' है, जो लेबनान की संप्रभुता का उल्लंघन है और फलस्ती नियों के खिलाफ इजरायल की शत्रुता का विस्तार है.'


अरौरी की ड्रोन हमले में मौत संकेत देती है कि हमास और इजरायल के बीच संघर्ष इस क्षेत्र के और अधिक हिस्सों को अपनी चपेट में लेने की तरफ बढ़ सकता है.