कोपनहेगन: डेनमार्क (Denmark) में एक बहुत ही खौफनाक और बर्बरता वाला रिवाज (Barbaric Tradition) है. यहां सितंबर महीने में डॉलफिन को मारने की परंपरा (Tradition To Kill Dolphins) है. ये परंपरा डेनमार्क के फैरो आईलैंड (Faroe Island) पर मनाई जाती है. इस परंपरा के लिए हजारों लोग समुद्र के किनारे बीच पर इकट्ठा होते हैं और डॉलफिन को मार देते हैं.


1500 डॉलफिन को उतारा गया मौत के घाट


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हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, डेनमार्क में इस भयानक परंपरा को मनाने के दौरान अबतक करीब 1,500 डॉलफिन को मौत के घाट उतारा जा चुका है. डॉलफिन के खून की वजह से फैरो आईलैंड में समुद्र के पानी का रंग लाल हो गया है. देखने में ये बहुत डरावना लग रहा है.


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एनिमल राइट्स एक्टिविट्स ने किया विरोध


जानवरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले एक्टिविस्ट (Animal Rights Activists) डेनमार्क में हुई 1,500 डॉलफिन की हत्या से बेहद नाराज हैं. उन्होंने इस खौफनाक रिवाज पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है. एनिमल राइट्स एक्टिविट्स ने यूरोपियन यूनियन (EU) को भी इसके लिए लेटर लिखा है.



खतरनाक परंपरा का क्या है नाम?


बता दें कि डॉलफिन को मारने के इस रिवाज को ग्रिंडाड्रैप (Grindadrap) कहा जाता है. इसमें लोग मोटरबोट पर सवार होते हैं और हार्पून्स (Harpoons) की मदद समुद्र के बीच जाकर डॉलफिन को मार देते हैं.


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गौरतलब है कि फैरो आईलैंड के बीच पर हजारों डॉलफिन के शव पड़े हैं, जिन्हें ग्रिंडाड्रैप के दौरान मार दिया गया. सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स ने डॉलफिन को मारने की परंपरा का विरोध किया है.


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