Opium Ban In Afghanistan: तालिबान के कंट्रोल में आने से पहले दुनिया का सबसे बड़ा अफीम सप्लायर अफगानिस्तान था. फिर 2021 में संघर्ष के बाद, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश अफगानिस्तान को छोड़कर चले गए. सत्ता तालिबान के हाथों में आ गई. 2022 में, तालिबान ने अफगानिस्तान में अफीम के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया. दो साल बाद, ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) की नींद खुली है.


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बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए UNODC ने कहा कि तालिबानी बैन से दुनिया में सिंथेटिक नशीले पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ सकता है. यूएन एजेंसी के मुताबिक, इससे ओवरडोज से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ने की आशंका है.


अफीम का उत्पादन कम रहा तो बढ़ेगा खतरा: UN


अपनी सालाना रिपोर्ट में UNODC ने कहा कि पिछले साल अफीम के ग्लोबल प्रोडक्शन में 74% की गिरावट दर्ज की गई. एजेंसी ने कहा कि बड़े बाजारों में अभी अफीम की कोई 'वास्तविक कमी' नहीं है. लेकिन अगर प्रोडक्शन कम रहा तो ऐसा होना तय है. UNODC को इस बात की टेंशन है कि हेरोइन के लती कहीं नाइटाजेन्स की ओर न मुड़ जाएं. यह बेहद शक्तिशाली सिंथेटिक ओपिओइड है जिसके ओवरडोज से मौत होती है.


UN एजेंसी ने आशंका जताई कि लोग जिसे हेरोइन समझकर खरीदेंगे, हो सकता है उसे सस्ते और कहीं अधिक शक्तिशाली नाइटाजेन्स से बनाया गया है. UNODC के अलावा अन्य ड्रग एजेंसियों ने भी नाइटाजेन्स का इस्तेमाल बढ़ने की चेतावनी दी है.


नाइटाजेन्स क्यों इतने खतरनाक हैं?


UNODC के मुताबिक, 'नाइटाजेन्स - सिंथेटिक ओपिओइड का एक समूह हैजो फेंटेनल से भी ज्यादा शक्तिशाली हो सकता है. हाल ही में, कई हाई इनकम वाले देशों में इसका उभार हुआ है जिसका नतीजा यह हुआ कि ओवरडोज से होने वाली मौतें बढ़ गई हैं.' UNODC की रिसर्च चीफ एंजेला मे के मुताबिक, आयरलैंड, ब्रिटेन, एस्टोनिया और लातविया में नाइटाजेन के ओवरडोज से मृत्यु की खबरें मिली हैं.


UNODC का कहना है कि बाजार में मौजूद हेरोइन की शुद्धता घटने वाली है. ऐसे में 'हेरोइन यूजर्स अन्य ओपिओइड्स की तरफ स्विच कर सकते हैं'.


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बढ़ रहा नशीले पदार्थों का इस्तेमाल


UNODC रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में लगभग 29.2 करोड़ लोगों ने अवैध ड्रग का इस्तेमाल किया. यह एक दशक पहले की तुलना में लगभग 20% अधिक है. इनमें से 6 करोड़ लोगों ने ओपिओइड का इस्तेमाल किया. रिपोर्ट में कोकेन की सप्लाई में इजाफे का भी जिक्र है जो 2022 में 2,700 टन से अधिक के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई. यह पिछले वर्ष की तुलना में 20% अधिक है.