China-America Relations: चीन अपनी उल्टी सीधी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. एक और जहां वो भारत के अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) पर अजीबो-गरीब दावे कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ ताइवान (Taiwan) को डराने-धमकाने की अपनी हरकतों को भी उसने जारी रखा है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में आइलैंड के आसपास 32 चीनी मिलिट्री एयरक्राफ्ट को ट्रैक किया गया. यह इस साल की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है. इसके अलावा पांच चीनी नौसेनिक जहाजों की आवाजाही भी देखी गई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हालांकि इस बीच वॉशिंगटन ने चीन के बेतुक दावों को खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि अमेरिका ( US) अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा मानता है. 


ताइवान का दावा चीनी जहाज देख गए
ताइवानी रक्षा मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान में कहा गया,  ‘बुधवार सुबह 6 बजे से गुरुवार सुबह 6 बजे तक 32 चीनी मिलिटी एयरक्राफ्ट्स और पांच पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) के जहाजों को देखा गया.’


इन 32 एयरक्राफ्ट्स में से 20 ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी, दक्षिणपूर्वी और पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में एंट्री की.


इससे पहले ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि सोमवार सुबह 6 बजे से मंगलवार सुबह 6 बजे के बीच ताइवान के आसपास के क्षेत्र में दस चीनी नौसैनिक जहाजों और नौ सैन्य विमानों की को ट्रैक किया गया था.


चीन का ताइवान को लेकर नजरिया
बता दें चीन का मानना ​​है कि ताइवान उसका एक अभिन्न अंग है और एक दिन उसका चीन में विलय तय है. बीजिंग ताइवान को डराने, उसकी सैन्य क्षमताओं को थकाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाता है.


यूएस ने चीन को दिया करारा जवाब
इस बीच यूएस विदेश विभाग ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी सरकार अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के रूप में मान्यता देती है. इसके अलावा सरकार चीन के साथ बॉर्डर शेयर करने वाले पूर्वोत्तर भारतीय राज्य में क्षेत्रीय दावों को आगे बढ़ाने की किसी भी एकतरफा कोशिश का ‘कड़ा विरोध’ करती है.


बता दें चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग ज़ियाओगांग ने कहा था कि जिजांग का दक्षिणी भाग (तिब्बत का चीनी नाम) चीन के क्षेत्र का एक अंतर्निहित हिस्सा है. बीजिंग भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को ‘कभी स्वीकार नहीं करता और दृढ़ता से इसका विरोध करता है.’


यह बयान अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक सेला सुरंग के माध्यम से अपनी सेना को मजबूत करने के भारत के कदम के जवाब में आया था.


चीन अक्सर भारतीय नेताओं के अरुणाचल प्रदेश दौरों का विरोध करता है. बीजिंग ने इस क्षेत्र को ज़ंगनान नाम दिया है.


चीन के रक्षा मंत्री के ‘बेतुके दावों’ पर ध्यान देते हुए, विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश ‘भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा’ था, है और हमेशा रहेगा.