Afghan Taliban on Border: पहले से ही POK, खैबर पख्तून और गिलगिट-बल्टिस्तान के इलाके में जबरदस्त विरोध झेल रहे पाकिस्तान को अफगानिस्तान ने जबरदस्त झटका दिया है. माना जा रहा है कि मजहब और दहशत के पहिए पर मुल्क की रेलगाड़ी दौड़ाने वाला पाकिस्तान का जल्द तीसरा टुकड़ा होने वाला है. ड्रैगन के कर्जे के दलदल में बूरी तरह फंस चुका पाकिस्तान अब चौतरफा घिर गया है. जिन्ना के सपनों के पाकिस्तान को सबसे ताजा जख्म मिला है. उसके एक और पड़ोसी अफगानिस्तान ने POK पर पाकिस्तान के दावे को मानने से साफ इंकार कर दिया है. 


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तालिबान ने किया सीमाओं का चिह्नांकन


अफगानिस्तान में तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने वखान, जेबक, बदख्शां में कुरान और मुंजन जिलों में सीमाओं का चिह्नांकन किया, जिसमें पाकिस्तान के साथ काल्पनिक रेखा, जम्मू-कश्मीर और ताजिकिस्तान के साथ आधिकारिक सीमाएं शामिल हैं. सबसे बड़ी बात है कि तालिबानी मंत्रालय की तरफ से 'पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. यानी कि अफगानिस्तान की तरफ से POK पर पाकिस्तान के दावे को साफ दरकिनार कर दिया गया है.


पाकिस्तानी सेना में मची खलबली


अफगानिस्तान के इस ऐलान के बाद से पाकिस्तानी आर्मी हेडक्वार्टर और ISI कैंप में खलबली मच गई है. POK पर तीन फ्रंट से पहले ही घिर चुकी शहबाज एंड टीम अब इस नए ऐलान के बाद पूरी तरह से बैकफुट पर है. अब यहां ये समझना बेहद जरूरी है कि कैसे जिन्नालैंड POK के चक्रव्यूह में खुद ही बूरी तरह फंस गया है. 


POK पर 4 फ्रंट पर घिरा 'जिन्नालैंड'


पहला फ्रंट- POK पर पाकिस्तान के दावे से अफगानिस्तान का इंकार


दूसरा फ्रंट- POK में लंबे समय से पाकिस्तान के खिलाफ जारी स्थानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन


तीसरा फ्रंट- POK में पाकिस्तान सेना के खिलाफ एक्टिव और मजबूत होता TTP...जिसकी तस्दीक वहां हाल में हुए आतंकी हमलों से भी हुई है....


चौथा फ्रंट- POK को लेकर भारत का स्टैंड और दुनिया के ताकतवर देशों का साथ 


पीओके में बन सकते हैं गृह युद्ध जैसे हालात


दरअसल POK में पाकिस्तानी आर्मी और पुलिस वहां के लोगों पर बर्बरता करती है. हाल ही में पाकिस्तान सेना की फायरिंग में बन्नू इलाके में कई नागरिक मारे गए, जिससे पूरे POK में पाकिस्तान, सरकार और सेना के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है. ऐसे में TTP और अफगानिस्तान के साथ के बाद वहां गृह युद्ध जैसे भी हालात बन सकते हैं.