Bangladesh Pakistan Weapons Deal: बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और कट्टरपंथ के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत के खिलाफ एक नया सामरिक खतरा उभरता दिखाई दे रहा है. खबरें मिल रही हैं कि बांग्लादेश अब पाकिस्तान से हथियारों की खरीदारी की योजना बना रहा है, जिसमें भारी मात्रा में गोला-बारूद और मिसाइलें शामिल हैं. ज़ी न्यूज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार, यूनुस सरकार ने पाकिस्तान से हथियारों की एक बड़ी डील का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है.


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हथियारों की डील में क्या है शामिल?
सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश पाकिस्तान से निम्नलिखित सामरिक उपकरण खरीदने की योजना बना रहा है:
40 हजार राउंड गोला-बारूद
2 हजार टैंक शेल
40 टन RDX विस्फोटक सामग्री
3000 छोटी और मध्यम रेंज की मिसाइलें
इस डील से भारत के सामरिक विशेषज्ञ चिंतित हैं, क्योंकि शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद बांग्लादेश में एंटी-इंडिया भावना को लगातार बढ़ावा मिल रहा है. हाल ही में बांग्लादेश में परमाणु शक्ति बनने की मांग भी उठी है, जो इस डील के पीछे की मंशा पर सवाल खड़े करती है.


क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
ढाका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शाहिद उज जमान का कहना है कि बांग्लादेश की नई सरकार कट्टरपंथी तत्वों के दबाव में आकर पाकिस्तान के साथ गठजोड़ कर रही है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा पैदा हो सकता है.


"यूनुस सरकार की नीतियों में बदलाव के कारण पाकिस्तान से आए कार्गो शिप की फिजिकल जांच नहीं की जा रही है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस डील के तहत परमाणु संयंत्र के उपकरण या भारी हथियार बांग्लादेश पहुंचाए जा रहे हैं," एक उच्च स्तरीय अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया.


सामरिक खतरों की आशंका
बांग्लादेश में हाल की हिंसा और तख्तापलट के दौरान थानों और पैरामिलिट्री हेडक्वार्टर से बड़े पैमाने पर हथियार लूटे गए थे. जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान से हथियारों की खरीदारी का उद्देश्य इन लूटे गए हथियारों की भरपाई करना हो सकता है. लेकिन जिस तरह से कट्टरपंथ और अस्थिरता बढ़ रही है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बांग्लादेश भारी हथियारों की डील कर रहा है.


क्या बांग्लादेश-पाकिस्तान गठबंधन सफल होगा?
बांग्लादेश में यह धारणा बन रही है कि पाकिस्तान उसे न्यूक्लियर पावर बनाने में मदद करेगा. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कंगाल पाकिस्तान इस तरह की मदद करने की स्थिति में नहीं है. पाकिस्तान खुद आर्थिक तंगी और आतंरिक संघर्षों से जूझ रहा है.


"बांग्लादेश अगर कट्टरपंथियों की बजाय पाकिस्तानियों की असल स्थिति को समझे तो वह खुद को एक और पाकिस्तान बनने से बचा सकता है," एक सामरिक विशेषज्ञ ने कहा.


भारत के लिए बढ़ता सामरिक खतरा
बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सामरिक संबंधों से भारत के सुरक्षा प्रतिष्ठान में चिंताएं बढ़ गई हैं. दोनों देशों का यह गठजोड़ क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है.


निष्कर्ष: बांग्लादेश में बढ़ती अस्थिरता और पाकिस्तान के साथ सामरिक गठजोड़ की संभावनाओं से संकेत मिलता है कि भारत को अपनी सुरक्षा नीतियों पर पुनर्विचार करना होगा. समय रहते उचित कदम उठाने की जरूरत है ताकि यह नया गठबंधन भारत के खिलाफ सामरिक खतरा न बन सके.


ब्यूरो रिपोर्ट, जी मीडिया