China Former Defense Minister: भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने गुरुवार को पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू को निष्काषित कर दिया है. उनके खिलाफ मुकदमा भी शुरू हो गया है. कम्युनिस्ट पार्टी के चीफ राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं. न्यूज एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के मुताबिक, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की अगुआई में गुरुवार को पार्टी के अनुशासन व कानून के घोर उल्लंघन के लिए ली को निष्कासित करने का फैसला किया.


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पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बेहद अहम रॉकेट (मिसाइल) फोर्स के चीफ रहे 66 साल के ली पिछले साल लापता हो गए थे, जिसके बाद यह अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता की जांच की जा रही है. 


ली को शी ने बनाया था रक्षा मंत्री


खास बात है कि शी ने खुद ली को रक्षा मंत्री बनाया था. वह पहले स्टेट काउंसलर (पार्टी में शीर्ष पद) और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के सदस्य के रूप में भी काम कर चुके हैं. सीएमसी शी की अगुआई वाली पीएलए की एक टॉप कमांड है.


फेंगहे भी निष्काषित


ली के अलावा पूर्व रक्षा मंत्री वेई फेंगहे पर भी गाज गिरी है. उनको भी सीपीसी से निकाल दिया गया है. फेंगहे 2018 से 2023 तक रक्षा मंत्री रहे थे. जबकि ली मार्च 2023 से अक्टूबर 2023 तक रक्षा मंत्री के पद पर रहे. इन दोनों ही नेताओं के खिलाफ रिश्वतखोरी, गैर-कानूनी तरीके से गिफ्ट या पैसे लेने का शक जताया गया है. 


जांच में पाया गया कि उन्होंने एक पद का गलत इस्तेमाल किया और फायदा हासिल करने के लिए कीमती तोहफे और पैसे स्वीकर किए. आरोप है कि उन्होंने दूसरों को फायदा दिलाने के लिए पैसों की पेशकश की थी. ली के खिलाफ तो जांच में कई उल्लंघन के सुराग भी मिले हैं. 


साल 2012 में 71 साल के शी ने गद्दी पर बैठने के बाद ली समेत पीएलए के दर्जनों जनरलों को भ्रष्टाचार के लिए या तो बर्खास्त किया है या फिर सजा दी है. सीएमसी की अनुशासनात्मक और पर्यवेक्षी एजेंसी ने 31 अगस्त, 2023 को ली के खिलाफ जांच शुरू की. जांच परिणामों के अनुसार, ली ने राजनीतिक और संगठनात्मक अनुशासन का घोर उल्लंघन किया है.